भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार राज्य में साम्प्रदायिक संघर्ष व हिंसा की घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह असफल सबित हो रही है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहा कि सहारनपुर में अमन चैन बिगड़ने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। सुनियोजित तौर पर अराजकता को लोग अंजाम देते रहे, पुलिस पर हमले हुए, सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। अब तो प्रदेश में हुए साम्प्रदायिक संघर्ष अंतराष्ट्रीय फोरम पर भी सुर्खियां बन रहे है।
मंगलवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने यू0एस0 की एक मीडिया रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को साम्प्रदायिक संघर्ष की घटनाआंे के मामले में पूरे देश में अव्वल बताये जाने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। उन्होने कहा मुजफ्फरनगर में हुए संघर्ष में लगभग 65 लोगों की मौत और जनधन की हानि के बावजूद राज्य में सत्तारूढ़ अखिलेश सरकार वोट बैंक की सियासत में जुटी रही। नतीजा यह रहा कि राज्य में अपराधों के साथ-साथ साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं भी बढ़ती गई। इसका परिणाम रहा कि न केवल देश के भीतर बल्कि विदेशों में भी उत्तर प्रदेश की पहचान साम्प्रदायिक हिंसाग्रस्त राज्य के रूप मेे होने लगी। श्री पाठक ने यू0एस0 की इन्टरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम की रिपोर्ट 2013 की रिपोर्ट में प्रदेश को साम्प्रदायिक हिंसा वाले राज्यों में सर्वोच्य स्थान पर रखे जाने को दुखद बताते हुए कहा कि अखिलेश सरकार की वोट बैंक की सियासत ने उत्तर प्रदेश को शर्मसार किया है।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही और सरकार में जारी भ्रम के कारण लगातार छोट-छोटी घटनाएं राज्य में बड़ा रूप ले रही है। सरकार इन घटनाओं का सच स्वीकारने की बजाय इसका ठीकरा कभी विपक्ष तो कभी मीडिया पर फोड़ने में जुट जाती है, नतीजन जो असल अपराधी है वे बच जाते है। भाजपा पर राजनैतिक आरोप लगा अखिलेश सरकार अपनी नाकामी को छुपा तो सकती है, किन्तु आखिर जनादेश तो समाजवादी पार्टी को ही मिला है फिर जनादेश का सम्मान करते हुए राज्य के नागरिकों की रक्षा का दायित्व तो इन्ही का है, किन्तु बार-बार छोटी घटना साम्प्रदायिक हिंसा का रूप ले ले रही है।
श्री पाठक ने कहा कि पहले ही मुजफ्फरनगर में जो कुछ हुआ उसके कारण राज्य की छवि को नुकसान पहंुचा है। अब यू0एस0 मीडिया में आई इस रिपोर्ट के कारण एक बार फिर उत्तर प्रदेश की साख पर प्रश्न खड़े हुए है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में अखिलेश सरकार का मुख्य ऐजेण्डा वोट बैंक की सियासत का है। इसीलिए राज्य में लगातार बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए कोई ठोस पहल नही हो रही। उपचुनाव जीतने के लिए पूरा का पूरा मंत्रिमण्डल लगा दिया जाता है लेकिन साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद शान्ति बहाली के लिए कोई निर्णायक पहल नही होती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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