लखनऊ - महिला कांग्रेस द्वारा राजधानी लखनऊ में सीतापुर की एक शिक्षिका की हुई मौत पर शहीद स्मारक पर जनतान्त्रिक अधिकारों के तहत धरना देने के प्रयास को विफल करने के लिये माया सरकार ने अंग्रेजी राज्य की बर्बरता को अपनाकर लोगों के रोंगटे खड़े कर दिये। लोकतन्त्र को कलंकित करने वाले इस प्रयास की सभी राजनैतिक दलों ने घोर निन्दा की है।
कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी नेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी तथा सांसद जगदिम्बका पाल सहित कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभा के समक्ष गिरफ्तारियां दी। यूपी पुलिस का खौफनाक चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ। एक दिन पूर्व ही इलाहाबाद में दो व्यक्तियों की पुलिस हिरासत में मौत का मामला ठण्डा ही नही पड़ा था कि राजधानी में पुलिस ने राजनैतिक कार्यकर्ताओं तथा महिलाओं पर जमकर लाठिया भांजी। लाठियों से घायल कार्यकर्ताओं को उठाने तक नहीं दिया गया। एक व्यक्ति को पुलिस ने चारो तरफ से इतना पीटा कि पुलिस की कई लाठियां टूट गई तब महिला कार्यकर्ताओं को आगे आकर पुलिस से लोहा लेना पड़ा तब जाके जान बची। पुलिस उत्पीड़न के विरोध में वाराणसी के लोहार बीर चौराहे पर कांग्रेस कार्यकर्तांओ ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया।