उ0प्र0 सरकार ने भू-जल संरक्षण/संचयन तथा भू-जल स्तर को स्थिर बनाये रखने हेतु उसे अतिदोहन व भू-जल को बर्बाद करने पर गम्भीरता से अंकुश लगाने के निर्देश दिये हैं। शासन स्तर से भू-जल के भण्डार को बचाने तथा उसके संवर्धन हेतु वर्षा जल को रिचार्ज करने और वर्षा जल को बचाने की दशा में रूफटाप या रेन हार्वेस्टिंग पद्धति को अपनाने, तालाबों, पोखरों, जलाशयों, रिचार्जपिट की खुदाई करने तथा उनका अस्तित्व बनाये रखने के निर्देश दिये हैं। भू-जल स्त्रोतों का पैरामीटर टेस्ट करने पर बल दिया है।
यह जानकारी भूगर्भ जल निदेशक श्री रामसिंह ने देते हुए बताया कि मानचित्रीकरण एवं भू-जल स्त्रोतों पर पैरामीटर टेस्ट (पम्पिंग टेस्ट) किया जाता है। इससे भू-जल स्त्रोतों में भूगर्भ जल का बहाव तथा पानी के बहाव का व्यवहार ज्ञात किया जाता है। प्रत्येक विकास खण्ड में जहां भू-जल स्तर काफी नीचे चला गया है वहां पर भू-जल मंे वृद्धि हेतु वर्षा जल को रिचार्ज करने तथा भू-जल दोहन पर मितव्ययिता बरतने को कहा गया है। शासन तथा जन-सहभागिता से भू-जल के संवर्धन, वर्षा जल के संचयन, रिचार्ज करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
भू-जल निदेशक ने बताया कि भू-जल विभाग द्वारा भू-जल के भण्डार को अक्षुण्ण रखने हेतु जी0आई0एस0 आधारित मानचित्रों की तैयारी करने, रेन वाटर हार्वेस्टिंग एवं रिचार्जिंग करने, समग्र भू-जल नीति को युद्धस्तर पर क्रियान्वित करते हुए उसकी नियमित अनुश्रवण करने, भू-जल प्रबन्धन एवं संरक्षण हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भू-जल गुणवत्ता का आंकलन एवं अनुश्रवण, भू-जल विकास एवं भू-जल सर्वेक्षण का सुदृढ़ीकरण किये जाने हेतु उ0प्र0 सरकार ने ठोस रणनीति तैयार की है जिस पर सक्रियता से अमल किया जा रहा है। इसी क्रम में भूगर्भ जल संसाधनों का आंकलन, जनपदीय भू-जल परिदृष्य रिपोर्ट की तैयारी उसकी समीक्षा, भू-जल ड्राफ्ट के नाम्र्स का रिफाईनमेंट, रिमोट संेन्सिग एवं आईसोटोप विधा का उपयोग हाईड्रोग्राफ स्टेशनों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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