जिलाधिकारी अदिति सिंह ने आज राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय हसनपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय के अधीक्षक एन0के0 षुक्ला तथा कार्यरत सभी 15 षिक्षक उपस्थित नहीं मिले। इसे गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने अधीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही तथा सभी 15 षिक्षकों के वेतन रोकने के निर्देष दिए हैं।
जिलाधिकारी लगभग अपरान्ह एक बजे राजकीय आश्रम सहित विद्यालय हसनपुर बिना किसी सूचना के पहुंची। विद्यालय गेट पर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जगदीश उपस्थित मिला, जिससे जानकारी ली गई। उसने बताया कि अधीक्षक विद्यालय में नहीं है जो सप्ताह में एक बार विद्यालय आते हैं। बताया गया कि विद्यालय के सभी शिक्षक अपने घर जा चुके हैं। कोई भी शिक्षक विद्यालय में 12 बजे दोपहर के बाद नहीं रहते हैं। विद्यालय की व्यवस्था चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के जिम्मे रहती है। गृह माता का पद भी तीन साल से खाली है कोई चिकित्सक भी विद्यालय में वर्तमान में तैनात नहीं है।
जिलाधिकारी ने छात्रों के रहने क लिए बनाये गये हाॅस्टल के कक्षों, रसोई घर तथा स्टोर व शौचालय आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने छात्रों को मिलने वाले नाश्ता, दोपहर भोजन व रात्रि भोजन के साथ डेªस पाठ्य पुस्तक साफ सफाई नहाने की व्यवस्था आदि की विधिवत जानकारी ली। बच्चों द्वारा बताया गया कि सुबह नाश्ते में चाय व टोस्ट दोपहर व रात्रि में खाना मिलता है लेकिन उन्हें मीनू की जानकारी नहीं थी और न ही नाश्ता व भोजन के मीनू का चार्ट हाॅस्टल कक्षों एवं रसोई घर में मिला। उन्होंने विद्यालय के छात्रों लक्ष्मीकांत, अवधेश कुमार, अंकित कुमार, प्रवीन कुमार आदि से पठन पाठन, शिक्षकों की उपस्थिति व पढ़ाई की व्यवस्था, डेªस किताबें, काॅपी, पेन्सिल आदि की जानकारी ली।
छात्रों द्वारा बताया गया कि प्रार्थना के समय शिक्षक उपस्थित रहते हैं तथा कक्षा में गणित के प्रश्न ब्लैक बोर्ड पर लिखे जाते हैं लेकिन काॅपियां शिक्षकों द्वारा जांची/चेक नहीं की जाती। डी0एम0 के निरीक्षण में छात्रों की काॅपियों की जांच नहीं पाई गई कि छात्रों ने प्रश्न सही लिखा अथवा गलत।जानकारी दी गई कि विद्यालय में 480 बच्चों की क्षमता है जिसमें अब तक 400 बच्चों का प्रवेष हो चुका है। अभी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। वर्तमान में 300 छात्रों को अध्ययनरत बताया गया। डीएम ने रसोई घर के निरीक्षण में पाया कि रसोई के लिए उपलब्ध गैस चूल्हे व अन्य सामानों का खाना बनाने में उपयोग न करके किचन के बाहर एक कमरे में लकड़ी से खाना व नाश्ता बनाने की व्यवस्था है। बताया गया कि वद्यालय में कुल 10 गैस सिलेण्डर है परन्तु मौके पर 8 सिलेण्डर उपलब्ध पाए गए। चतुर्थ श्रेणी कर्मी/रसोईया द्वारा बताया गया कि एक गैस सिलेण्डर अधीक्षक जी के आवास पर चाय आदि के लिए रहता है। रसोई घर के सामने पेयजल की सुवधिा हेतु टंकी के माध्यम से लगाई गई टोटी बन्द पाई गई। बताया गया कि इससे सभी छात्रों की व्यवस्था न हो पाने के कारण बाहर छात्र पानी पीने जाते हैं। मनोरंजन के लिए उपलब्ध टी.वी. एक कक्ष की दीवार को तोड़कर लगाई गई थी। बताया गया कि जगह की कमी के कारण छात्र को बाहर बिठाकर टी0वी0 के कार्यक्रम दिखाए जाते हैं यह व्यवस्था कदापि उचित नहीं है। जिलाधिकारी के पूछने पर छात्रों ने बताया कि नहाने व कपड़ा धोने के लिए 15 दिन में एक-एक साबुन बट्टी दी जाती है। वर्तमान सत्र में भी छात्रों को मात्र एक सेट डेªस दिया गया है। बच्चों ने बताया कि उन्हें दूध कभी नहीं मिलता, रविवार को खीर मिलती है। छात्रों की समस्याएं चतुर्थ श्रेणी जगदीश सुनता है। अधीक्षक व प्रधानाचार्य द्वारा उनकी कोई समस्या सीधी नहीं सुनी जाती। निरीक्षण के दौरान प्रधानाचार्य सीताराम यादव भी उपस्थित नहीं थे। जिलाधिकारी विद्यालय की वर्तमान पठन पाठन तथा भोजन आदि की व्यवस्थाओं पर असंतोष व्यक्त करते हुए सीडीओ को जांच कराने का आदेष दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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