जिलाधिकारी अदिति सिंह ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार विगत दिवस 22 जुलाई को तहसील सदर का निरीक्षण करने पहुंची। कार्यालय एवं कार्यालय परिसर की दशा/दुर्दश देख दंग रह गयी। जिस-जिस आलमारी को खोलवा-खोलवा कर अभिलेखों को देखा और अभिलेखों की जानकारी प्राप्त करनी चाही उसमें लगे कर्मचारी जानकारी देने में नाकाम रहें। किसी भी आलमारी में रखे अभिलेख/पंजिकाओं/रजिस्टरों में टैंगिग/नेम स्लिप तक लगी नहीं मिली, जिससे यह पता लग सके कि पत्रावली किस कार्य से सम्बन्धित है।
जिलाधिकारी भूराजस्व अनुभाग के अभिलेखागार/स्टोर में जहां अति महत्वपूर्ण बस्ते रखे जाते हैं वहां की स्थिति देखने के बाद वह दंग रह गयी और तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी। लगभग 15 मिनट तक स्टोर/अभिलेखागार के अन्दर उपस्थित जिलाधिकारी ने वहां के बस्तों में बन्द/बंधे अभिलेखों के सम्बन्ध में जानकारी करनी चाही, लेकिन असमर्थ कर्मचारी कोई पर्याप्त जानकारी नहीं दे सके, उन्होंने इस दौरान कई बस्तों को खुलवा कर देखा सभी अभिलेख सीलन युक्त व बेतरतीब रखे पाये जाने के कारण जिलाधिकारी ने तहसीलदार व नायब तहसीलदार तथा अन्य अधिकारियों को डांटती रही। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि एक सप्ताह के अन्दर इन बस्तों को ठीक से रखा जाए व सभी में टैग लगाया जाय, जिससे यह पता चल सके कि बस्ता किस अभिलेख का है। अधिकारियों को दूरदर्शिता से कार्य करने के निर्देश दिये।
उसके उपरान्त जिलाधिकारी ने राजस्व अनुभाग के वसूली अनुभाग पहुंची वहां की टूटी आलमारियांें, धूल जमी फाइलों व बेतरतीब रखे अभिलेखांे को देख वहां के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए व्यवस्थित करने को कहा। राजस्व सहायक लेखाकार, प्रयोग सुदा रसीद बुक विधिक देयकों की वसूली, कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका वाली आलमारियांे को खुलवा कर देखा और निर्देशित करते हुए कहा कि वसूली की रसीदों का मिलान करके तथा कर्मचारियों की जीपीएफ सेवा पुस्तिकाओं को ढीक ढंग से व क्रमबद्धता से रखा जाए तथा पंजिका व फाइलों की सूची/नेम स्लिप अवश्य लगायी जाय।
जिलाधिकारी ने नजारत अनुभाग पहुंच कर वहां की आलमारियों को भी देखा रजिस्टर नं0 4, रजिस्टर नं0 7 का निरीक्षण भी किया, तहसीलदार न्यायालयों में पहुंच कर उसका निरीक्षण करते हुए वादों के निस्तारण के सम्बन्ध में भी जानकारी की और निर्धारित समय में न्यायालय में बैठकर वादों के निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने तहसील प्रांगण में स्थित कम्प्यूटर अनुभाग में पहुंचकर निरीक्षण करते हुए आय, जाति, निवास प्रमाण पत्रों के बनाये जाने सम्बन्धी जानकारी ली व उससे सम्बन्धित रजिस्टरों का भी अवलोकन किया। कम्प्यूटर आॅपरेटरों से खतौनी की नकल देने व उसकी फीस की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि फीडिंग के मामलों को तत्काल पूरा कर लिया जाए। खतौनियों का निर्धारित शुल्क 15 रूपये से अधिक न किया जाय, अधिक शुल्क की शिकायत मिली तो कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकरी ने तहसील के अधिकारियों व सम्बन्धित कर्मचारियों को अपने पटल के कार्यों को एक सप्ताह में साफ सफाई कर व्यवस्थित ढंग से रखने के निर्देश देते हुए कहा कि लापरवाह व अकर्मणय कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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