प्रदेश में शिशु स्वास्थ्य एवं शिशु मृत्यु दर के मुख्य कारणों एवं उपायों पर प्रकाश डालते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि प्रदेश में 5 वर्ष तक के बच्चों में होने वाली कुल शिशु मृत्यु की 11 प्रतिशत मौतें डायरिया (दस्त) के कारण होती हैं। थोड़ी सी सावधानी एवं सुरक्षा से बच्चों को डायरिया से होने वाली मौतों से बचाया जा सकता है।
यह बात आज यहां बाल महिला चिकित्सालय एवं प्रसूति गृह नवल किशोर रोड लखनऊ में ओ0आर0एस0 एवं जिंक कार्नर का उद्घाटन करते हुये प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अरविन्द कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य के दृष्टिगत ‘‘डायरिया नियंत्रण’’ के बारे में अधिक से अधिक जागरुकता प्रदान करने हेतु सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। पखवाड़े के दौरान सभी जिला एवं ब्लाक मुख्यालय पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जायेगा। उन्हें बताया जायेगा कि 24 घण्टे में तीन से अधिक पतला दस्त आने पर संभवतः बच्चा डायरिया का शिकार हो जाता है। इस दौरान उसे समय से ओ0आर0एस0 घोल एवं जिंक देने से कुपोषित/मृत्यु से बचाया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों एवं महिलाओं को ओ0आर0एस0 एवं जिंक पैकेट का वितरण किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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