उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न डाॅ. शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय की सामान्य परिषद की प्रथम बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन फैसलों के क्रियान्वयन से निःशक्त छात्र-छात्राओं सहित विकलांगजन लाभान्वित होंगे और विश्वविद्यालय को एक नई पहचान मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित किए जाने वाले नवीन केन्द्रों को सैद्धान्तिक सहमति प्रदान करते हुए कहा कि इसके लिए प्राथमिकता तय करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को चरणबद्ध ढंग से कार्य करना होगा। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय द्वारा सेण्टर फाॅर इण्डियन साइन लैग्वेंज एण्ड डैफ स्टडीज, सेण्टर फाॅर रिहैबिलीटेशन एण्ड डेवलपमेन्ट स्टडीज, पत्रकारिता एवं जनसंचार केन्द्र तथा इंस्टीटयूट आॅफ मेडिकल साइंसेज एण्ड रिसर्च की स्थापना की योजना बनाई गई है। इस संबंध में तय हुआ कि विश्वविद्यालय परिसर में इंस्टीटयूट आॅफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना के लिए भारत सरकार से प्रभावी पैरवी की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि प्रत्येक मण्डल में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय की स्थापना की जाएगी। लखनऊ मण्डल के तहत यह विद्यालय डाॅ. शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के परिसर में स्थापित होगा, जहां विभिन्न श्रेणी के निःशक्त एवं सामान्य बच्चे एक ही छत के नीचे शिक्षा ग्रहण करेंगे। उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार ने इस विश्वविद्यालय के नाम परिवर्तन को स्वीकृति प्रदान कर दी है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का विश्वविद्यालय घोषित कराए जाने के लिए मानकों के अनुसार जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। राज्य सरकार विश्वविद्यालय के वेतन मद की जरूरतों को पूरा करेगी तथा विभागों में मानक के अनुसार अतिरिक्त पदों का सृजन किए जाने के संबंध में गंभीरता से विचार करेगी।
सामान्य परिषद की बैठक में यह भी तय किया गया कि विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षान्त समारोह 30 सितम्बर, 2014 को आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि होंगे। यह निर्णय भी लिया गया कि संस्थान द्वारा विकलांगजन के पुनर्वास हेतु हेल्पलाइन संचालित की जाए जिसके माध्यम से टोल-फ्री नम्बर पर जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। बैठक में सामान्य परिषद के पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई।
सामान्य परिषद द्वारा यूनिवर्सिटी आॅफ लंकाशायर, इंग्लैण्ड की प्रो0 उलरीके जीशान एवं प्रख्यात संगीतकार श्री रवीन्द्र जैन को विश्वविद्यालय का विजि़टिंग प्रोफेसर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। यह भी तय हुआ कि विभिन्न पुनर्वास कार्यक्रमों के लिए संस्थान को नोडल एजेन्सी बनाया जाएगा। प्रत्येक माध्यमिक एवं बेसिक विद्यालय में एक-एक अध्यापक को विकलांगता की विशेष शिक्षा देकर मास्टर टेªनर बनाने के लिए विश्वविद्यालय में फाउण्डेशन कोर्स का प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा तथा यहां एक कौशल वृद्धि केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के निर्माण कार्याें को पूरी गुणवत्ता के साथ तेजी से पूरा करें। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से भी यह अपेक्षा की कि संस्थान में सौर ऊर्जा प्लाण्ट के साथ-साथ बायो गैस संयत्र की स्थापना पर भी गंभीरता से विचार किया जाए।
सामान्य परिषद को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विकलांगजन के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि निःशक्त बच्चे भी बेहद हुनरमंद होते हैं। संस्थान या विश्वविद्यालय इनकी प्रतिभा को पहचान कर उसे निखारता है। चित्रकूट के जगद्गुरू रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के बच्चों की प्रतिभा को उन्होंने स्वयं देखा और सराहा है।
श्री यादव ने कहा कि किसी विश्वविद्यालय को विकसित करने और वहां तमाम सुविधाएं मुहैय्या कराने में काफी समय लगता है। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में डाॅ. निशीथ राय के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस संस्थान के पहले पूर्णकालिक कुलपति नियुक्त हुए हैं। इसके कारण उनके समक्ष चुनौतियां भी अधिक हैं और काम करने के अवसर भी ज्यादा हैं। उन्होेंने आश्वस्त किया कि विकलांगजन को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों में पूरी मदद की जाएगी।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण मंत्री श्री अम्बिका चैधरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा विकलांगजन के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। विकलांगजन की समस्याओं के निदान के प्रति मुख्यमंत्री का रूख हमेशा सकारात्मक रहा है और उन्होंने इस विश्वविद्यालय की कठिनाईयों को दूर करने मंे भी उदारतापूर्वक निर्णय लिए हैं।
सामान्य परिषद की बैठक के प्रारम्भ में कुलपति प्रो. निशीथ राय द्वारा विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्याें एवं भावी योजनाआंे के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण किया गया। इससे पहले विश्वविद्यालय आगमन पर निःशक्त छात्र-छात्राओं द्वारा मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया गया। श्री यादव ने विश्वविद्यालय परिसर में पारिजात का एक पौधा रोपित कर संस्थान में वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ भी किया।
सामान्य परिषद की बैठक में प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भट्नागर, प्रमुख सचिव राजस्व श्री किशन सिंह अटोरिया, प्रमुख सचिव नियोजन श्री संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री बी.एस. भुल्लर, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सचिव मुख्यमंत्री श्री आमोद कुमार, सचिव विकलांग कल्याण श्री अनिल कुमार सागर, सचिव व्यवसायिक शिक्षा श्री भुवनेश कुमार, विश्वविद्यालय के कुल सचिव श्री अखिलेन्द्र कुमार, भारतीय पुनर्वास परिषद की चेयरपर्सन प्रो. सुदेश मुखोपाध्याय, राष्ट्रीय अस्थि बाधितार्थ संस्थान, राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान, राष्ट्रीय श्रवण बाधितार्थ संस्थान एवं राष्ट्रीय मानसिक मन्दितार्थ संस्थान के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com