मामला अमेठी संसदीय क्षेत्र का है-
राजनीति करने में माहिर मौका परस्त सियासी पाटिüयॉ अपने फन में माहिर किस तरह होती हैं जो मौका पाते ही राजनीत शुरू कर देती हैं। चाहे किसी की मौत का मामला हो या और कोई कारण, इसका जीता जागता उदाहरण अमेठी सेसदीय क्षेत्र में देखने को मिला।
वर्ष 2003 में अमेठी के पुन्नूपुर गा¡व में दलित राम भजन की संग्रामपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज न होने पर प्रियंका गा¡धी थाने में जाकर खुद बैठ गईथी और रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सूबे çी मुखिया माया वती ने दलित का कार्य इनके अलरवा कोई और करे कैसे सह सकती थीं। इसकी चर्चा खूब जोरों पर हुई और यह भी एक राजनैतिक मुद्दा बनाने में काई पार्टी पीछे नही रही। जिसके बाद राजनैतिक लाभ लेने कि लिए बसपा सुप्रिमों एवं उ. प्र. की मुय मन्त्री मायावती नेअमेठी को एक नया जिला छत्रपति शाहू जी महाराज के नाम से बना दिया था।
कांग्रेस के युवराज राहुल गा¡धी द्वारा वर्ष 2007 में अपने संसदीय क्षेत्र में एक दलित महिला सुनीता कोरी के घर जाकर भेाजन करना एवं रात बिताना भी एक राजनैतिक मुद्दा बनने में देर नहीं लगी थी और बसपा सुप्रिमों ने भी खूब बयान बाजी की थी।
पिछले वर्ष कांग्रेस महा सचिव राहुल गा¡धी ब्रिटिश के विदेश मन्त्री डेविड मिलीबैण्ड के साथ अमेठी के सीमरा गा¡व दलित महिला शिव कुमारी के घर गये और रात गुजारी शिवकुमारी की आर्थिक स्थित ठीक न होने के कारण राहुल ने उसे आर्थिकमदद देने का आEासन दिया जो एक राजनैतिक मुद्दा बना ।
विदित हो कि इसी तरह 04 अक्टूबर 2009 को अमेठी क्षेत्र के सरवनपुर गा¡व में दलित रिक् शा चालक नन्द लाल की मौत पर राजनैतिक पाटिüयों ने भर पूर राजनीति की। सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ कि बचपन में तो नन्द लाल काफी सपन्न था लेकिन आगे चलकर धीरे-धीरे गरीबी ने अपने आगोश में ले लिया।
कांग्रेस, बसपा, सपा एवं उ0 प्र0 में आई हासिए पर भाजपा ने मृतक नन्द लाल के भाई सुनील को क्षेत्र के दबंगों द्वारा उसकी हड़पीजमीन को दिलाने का बीड़ा उठाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। समाचार पत्रों में दलित नन्द लाल की मौत भूख से हुई पर प्रशासन ने इसे बीमारी से मौत बता कर इस प्रकरण को समाप्त करना चाहा। पर राजनैतिक पाटिüयों ने इसे एक राजनैतिक मुद्ा बना कर दो-तीन महीने खूब हाय तौबा मचाई।पा¡च महीने बाद आज भी मृतक नन्द लाल की हड़पी जमीन उसके भाईको नहीं मिली और अब तो कोई उसका हाल-चाल लेने वाला भी कोई नहीं है कि वह कहां रह रहरा है। उ0 प्र0 की दलित मुय मन्त्री भी शयद भूल गईं होगी। मृतक नन्द लाल के पिता की मौत के बाद उसकी पुश्तैनी 18 विEा जमीन उस क्षेत्र के दबंगों ने उसे झा¡सा देकर उस पर कब्जा कर लिया था।
अमेठी संसदीय क्षेत्र के बसपा प्रभारी आशीष शुक्ला को यह भी नहीं पता कि मृतक नन्द लाल का भाई इस समय कहां रह रहा है। दबंगों द्वारा उसकी हड़पीजमीन उसके भाई सुनील को अभी तक नहीं मिली है। राजनीति से जुड़े लोगों से जब मृतक नन्द लाल के भाई सुनील के बारे में जब जानकारी की गई तो जो जानकारी प्राप्त हुई वह चौकाने वाली है।
राजनीति से जुड़े लोगों ने क्या कहा? जानने का विषय है-
राजेश अग्रहरि- अमेठी नगर पंचायतचेयर मैन एवं सपा पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हें।
दूरभाष पर हुई बात-चीत में बताया कि सब राजनीति करते हैं। धरातल पर कुछ भी नहीहै। मैं तो पहले समाज सेवक ह¡ूपिुर व्यापारी बाद में नेता। सबसे पहले मैने ही नन्द लाल के मौत होने के बाद घर से उसे चिता तक ले जाने तक जो भी खर्च आया मैने सारा खर्च किया मैं करने में विEास करता हू¡ दिखाने में नहीं।
आशीष शुक्ला- अमेठी संसदीय क्षेत्र के बसपा प्रभारी दलितों की रहनुमाई का दावा करने वाली बसपा सुप्रिमों उ0 प्र0 की मुय मुत्री माया वती ने अमेठी संसदीय का बसपा प्रभारीआशीष शुक्ला को बनाया है। जानिए मायावती के नुमाइन्दे क्या कहते हैं-
दूरभाष पर श्री शुक्ला ने बताया कि मृतक नन्द लाल के भई को सन्तुष्ट कर दिया गया है,उसे कालोनी दिला दी गई है। जब श्री शुक्ला से यह पूछा गया कि उसका भाई सुनील इस समय कहा¡ रह रहा है। तो उन्होंने अनिभिज्ञता जतायी। बहुत कहने सुनने के बाद कहा कि क्या? अब हमें इसकी भी जानकारी रखनी पड़ेगी।परन्तु सच्चाई यह है कि उसे कोई कालोनी नहीं मिली हुई है।
अमिता सिंह- अमेठीविधान सभा क्षेत्र की विधायक,कांग्रेस पार्टी दूरभाष पर वार्ता करने पर उन्होंने कहा कि नन्द लाल का भाई सुनील इस समय मेरे यहा¡ ही रह रहा है और स्वतन्त्र रूप से रह रहा है।सुनील का सारा खर्च मेरे द्वारा ही उठाया जा रहा है। जमीन व मकान की बात करने पर श्री सिंह ने कहा कि मकान तो मैं बनवा ही दू¡गी, पर उसकी जमीन क्लीयर हो जाय तो ,नहीं तो मैं रूपया भी लगाऊ¡ और काम भी नहो हो , ऐसी दशा में इस सबन्ध में सबçन्धत अधिकारियों से बात -चीत चल रही है। उस जमीन का मुकदमा चल रहा है। जब तक वह निणिüत नहीं हो जाता तब तक कुछ नहीं हो सकता हे। दूरभाष पर जब मैने उन्हें यह बताया कि आशीष शुक्ला तो कह रहे हैं कि उसे कालोनी दिला दी गई हैतो श्री सिंह ने कहा कि सब झूठ है कालोनी दिलाने की बात तो दूर उसे कोई पूछने वाला भी नहीं है कि वह जी रहा है या मर गया है। शासन-प्रशासन भी इसे पूछने वाला नही है।
जमीन सबçन्धत मामला न्यायालय में होने के कारण सब ठण्डे बस्ते चला गया है। नन्द लाल की मौत पर हूुई राजनीति अब उसके भाई को न कोई पार्टी जमीन दिला पाई और न मकान।
फिल हाल मृतक नन्द लाल का मामला सियासी हलकों मे ंशान्त हो गया और उसकी आžमा भी शान्त हो चुकी है। उसकी मौत पर राजनीति भी होनी बन्द हो गई है।फिलहाल इस समय सुनील अमेठी की विधायक अमिता सिंह की रहमों करम पर निर्भर है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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