उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री जे0एस0 यादव ने बताया कि वर्ष 2014 (जनवरी से मई) में ‘नेशनल वाटर क्वालिटी मानिटरिंग प्रोग्राम‘ (एन0डब्लू0एम0पी0) के अन्तर्गत बोर्ड द्वारा 53 सतही नमूना एकत्रण स्थलों पर किये गये अनुश्रवण कार्य से प्राप्त डी0ओ0, बी0ओ0डी0 एवं टोटल कोलीफार्म के आंकडों के आधार पर निम्न तथ्य दृष्टिगत होते हैं। उन्होंने बताया कि 02 स्थलों पर नदी का जल स्नान हेतु(श्रेणी-बी) उपयुक्त है। 10 स्थलों पर नदी का जल पारस्परिक उपचार एवं जीवाणुनाशन के पश्चात पीने हेतु (श्रेणी-सी0) उपयोगी है। 31 स्थलों पर नदी का जल मत्स्य पालन हेतु (श्रेणी-डी) उपयुक्त है। शेष 10 स्थलों पर नदी का जल अत्यधिक प्रदूषित होने के कारण केवल सिंचाई एवं इण्डस्ट्रियल कूलिंग हेतु (श्रेणी-ई) उपयुक्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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