भारतीय जनता पार्टी ने मोहनलालगंज दरिंदगी में हुई महिला की मौत के मामले में पुलिस द्वारा किये गये खुलासे पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब महिला की एक किडनी थी तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दो कैसे? पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव पूरे प्रकरण कि और अधिक गहनता से जांच की बात कर रहे है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सवालों के घेरे में है। साथ ही मृतका के परिजन भी लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे है तो फिर किसे बचाने के लिए सरकार सीबीआई जांच के मुद्दे पर असाधारण चुप्पी साधे है? आखिर सरकार को सीबीआई जांच की अनुसंशा करने में कौन सी कठिनाई है?
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि किसी व्यक्ति की तीन किड़नी तो हो नही सकती, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दो किड़नियों की हालत ठीक बताई गयी है, जिसे छह डाक्टरों के पैनल ने किया है। मृतका के परिजन और निदेशक पीजीआई कह रहे है कि 15 अक्टूबर 2011 को महिला और उसके पति का किडनी ट्रांसप्लान्ट का आपरेशन पीजीआई में हुआ। फिर सच क्या है? आखिर मर्चरी पर जब भाजपा के कार्यकर्ता पहुंचे थे तो उन्हे क्यों आश्वस्त किया गया कि शव को 72 घण्टे सुरक्षित रखा जायेगा। फिर अचानक रातो रात शव का अंतिम संस्कार किये जाने की क्या वजह थी?
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक ओर तो दोषियों पर कार्यवाही और गिरफ्तारी सुनिश्चित किये जाने की बात करते है तो दूसरी ओर मोहनलालगंज दरिंदगी प्रकरण पर महामहिम राज्यपाल खुद कह चुके है कि वे पुलिस की रिपोर्ट से संतुष्ट नही है। एक अकेला इंसान इस तरह की घटना को अंजाम नही दे सकता। महामहिम राज्यपाल के इस कथन के बाद अब मुख्य सचिव का यह कहना कि जांच में और तेजी लायी जाये, स्पष्ट करता है कि जो पुलिसिया खुलासे हुए है वे किसी के गले उतर नही रहे है। वही दरिंदगी का शिकार हुई महिला के परिजन लगातार पुलिस के दफ्तरों के चक्कर काट रहे है, अभी तक उनकी रिपोर्ट दर्ज नही हुई। सरकार के आला अधिकारी कहते है कि कोई औपचारिक आग्रह उनके परिजनों द्वारा नही किया गया है जबकि लगातार परिजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट की भी मांग कर रहे है और पूरे मामले की सीबीआई जांच हो इसकी आग्रह कर रहे है।
श्री पाठक ने कहा मोहनलालगंज दरिंदगी प्रकरण में कौन लोग है जिनके प्रति जांच अधिकरियों की सहानुभूति है, जिसके कारण पूरे खुलासे पर लगातार सवालिया निशान उठने के बावजूद असाधारण चुप्पी है। महामहिम राज्यपाल व मुख्य सचिव के बयान के बावजूद आखिर सीबीआई जांच कराने में हीलाहवाली क्यों हो रही है?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा किडनी प्रकरण में या तो डाक्टरों के पैनल ने गलत रिपोर्ट दी अथवा निदेशक पीजीआई और परिजन गलत बोल रहे है। इसकी जांच हो जब पीडि़त महिला ने अपने पति की रक्षा के लिए अपनी किडनी दान कर दी और इसका तथ्यात्मक रिकार्ड पीजीआई में मौजूद है, तो जिन डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनो किडनीयों की बात कही है उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। साथ ही इस बात की भी गम्भीरता से जांच की जानी चाहिए कि कहीं किसी दबाव में तो डाक्टरों ने गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार नही की। उन्होंने कहा पोस्टमार्टम रिपोर्ट की संदिग्धता ने मामले को और गंभीर बना दिया है इसलिए पूरे प्रकरण की अविलम्ब सीबीआई जांच कराई जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com