राज्य उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश को प्रथम चरण में 26 नए महाविद्यालयों को स्थापित करने के लिए 101 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि केन्द्र सरकार से प्राप्त हुई है, जिससे शीघ्र ही इन महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योजनान्तर्गत 10 अन्य नवीन महाविद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा गया है। प्रदेश सरकार ने 09 राजकीय महाविद्यालयों को पूरी तरह से राज्य मद से खोले जाने का भी निर्णय लिया है। इसके अलावा सिद्धार्थनगर तथा इलाहाबाद में राज्य विश्वविद्यालय खोले जाने का फैसला भी लिया जा चुका है, जिसके क्रम में तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। इसी उद्देश्य से निजी क्षेत्र के साथ-साथ राजकीय विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग काॅलेजों एवं महाविद्यालयों को स्थापित करने की योजना राज्य में लागू की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र की सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा रामा विश्वविद्यालय कानपुर, शोभित विश्वविद्यालय सहारनपुर और जे0पी0 विश्वविद्यालय अनूपशहर बुलन्दशहर के संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई है। निजी क्षेत्र में महाविद्यालयों व इंजीनियरिंग काॅलेजों की स्थापना की व्यवस्था को सरलीकृत करके एवं सम्बद्धता के मामलों का तेजी से निराकरण करके निजी निवेशकों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया है।
तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में आॅनलाइन एफिलियेशन की व्यवस्था आरम्भ की गई। इसके तहत नए इंजीनियरिंग काॅलेजों की स्थापना, नए विषयों में कोर्स शुरू करने तथा छात्र संख्या बढ़ाने इत्यादि के प्रकरणों को आॅनलाइन प्रणाली के द्वारा आवेदन करने एवं अनुमति प्राप्त करने की व्यवस्था क्रियान्वित की गई है।
निजी क्षेत्र के नये महाविद्यालयों/संस्थानों को खोले जाने तथा वर्तमान महाविद्यालयों/संस्थानों में स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर के विषयों/पाठ्यक्रमों को प्रारम्भ करने के संबंध में मानकों को निर्धारित कर दिया गया है।
इसके अनुसार नये महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर एक सत्र में कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकायों में से अधिकतम किन्हीं दो संकायों में ही अनापत्ति/सशर्त सम्बद्धता देने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। ऐसे महाविद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं जरूरी मानकों को पूरा किए जाने के आधार पर आवेदित विषयों/पाठ्यक्रमों में सम्बद्धता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा स्नातकोत्तर पर एक साथ केवल दो विषयों में दी जाने वाली अनापत्ति/सम्बद्धता की बाध्यता भी समाप्त कर दी गई है। अब महाविद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता एवं आवश्यक मानकों की पूर्णता के आधार पर स्नातकोत्तर स्तर पर आवेदित विषयों में अनापत्ति/सम्बद्धता दी जा सकेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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