जनपद इटावा के फिशर वन को विलायती बबूल से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। बबूल के स्थान पर अब चैड़ी पत्ती वाले पेड़ों की विभिन्न प्रजातियों के 1,53,200 पौधों का रोपण किया गया है। इस प्रकार फिशर वन के इकोरेस्टोरेशन का काम पूरा कर लिया गया है। यह जानकारी देते हुए आज यहां सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि लगभग एक हजार एकड़ क्षेत्र में पौधों का रोपण कर किया गया इकोरेस्टोरेशन का कार्य पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में प्रदेश सरकार का एक अनूठा प्रयास है।
प्रवक्ता ने बताया कि फिशर वन में नीम, शीशम, पीपल, काला शीशम, बरगद, पाकड़, बेल, महुआ, सिरस, कदम, केसिया, इमली जैसे स्थानीय मिट्टी व जलवायु के अनुकूल प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया है। इससे भू-गर्भ जल स्तर में वृद्धि एवं कृषि भूमि की उत्पादकता में वृद्धि होगी। जिसके फलस्वरूप इस क्षेत्र का तीव्र आर्थिक विकास सम्भव हो सकेगा।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि फिशर वन इकोरेस्टोरेशन से बब्बर शेर प्रजनन केन्द्र एवं बब्बर शेर सफारी पार्क में शेरों के अनुकूल प्राकृत-वास विकसित होगा। जहां शेरों का स्वच्छंद विचरण पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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