जल प्रकृति का अनुपम उपहार है। जल ही जीवन है। जल बचायें, पृथ्वी बचायें, जल बचाने के लिए सबकों सजग रहना होगा। पानी को बर्बाद न करना ही समस्या का समाधान है। पानी का संयमित उपयोग करना बेहद जरूरी है। भू-जल हम सबकी बहुमूल्य धरोहर है।
यह विचार भूगर्भ जल निदेशक श्री रामसिंह ने इन्दिरा भवन स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित भू-जल सप्ताह कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने जल की समस्या के समाधान हेतु अनेक सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रयासों के साथ जन सहभागिता करते हुए पानी के बचाव संचय, संग्रहण करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये जाय। प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को वर्षा जल की प्रत्येक बूंद के महत्व को समझना होगा। जल के बचाव, पृथ्वी, वनस्पति, जीव-जन्तु, वृक्षों तथा पर्यावरण की हरियाली एवं सौन्दर्य को बचाने के लिए जन आन्दोलन के रूप में सभी को पहल करनी होगी।
श्री रामसिंह ने कहा कि जल का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे घरों, उद्योगों, कृषि तथा व्यक्तिगत कार्यों में मितव्ययिता के साथ करना होगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण तथा जल संचय हेतु पठारी क्षेत्रों में माइक्रो वाटर शेड को जल विकास का आधार मानकर वर्षा जल संचयन हेतु गढ्ढ़े, ताल, तलैया, तालाब तथा बांध आदि निर्मित किये जांय ताकि क्षेत्र में होने वाली वर्षा का कम से कम 35 प्रतिशत भाग जहां पानी बरसता हो, उसे उसी जगह रोक दिया जाय शेष सिंचाई विभाग के हवाले किया जाय ताकि बड़े-बड़े बांधों एवं जलाशयों को भरा जा सके और नदियों में भी जल बहाव बना रहे।
श्री सिंह ने वर्षा जल संचयन एवं रिचार्जिंग स्ट्रक्चर के निर्माण के साथ ही उसके आस-पास के क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करने पर बल दिया। छोटी-छोटी पहाडि़यों तथा पठारी क्षेत्रों और वन क्षेत्र में वृहद स्तर पर कन्टूर बंधों को बनाने एवं पौधों का रोपण करने को कहा। सूखे कुओं की सफाई करके उन्हें रिंचार्ज स्ट्रक्चर के रूप में प्रयोग में लाया जाय। उन्होंने कृषि कार्यों में फसलों की सिंचाई हेतु आधुनिक सिंचन विधियों का प्रयोग करके जल की बचत करने पर जोर दिया। श्री सिंह ने प्रत्येक किसान को उद्यानीकरण करने हेतु प्रेरित करने पर बल दिया। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में रिचार्ज पिट द्वारा रूफ टाप रेनवाटर हार्वेस्ंिटग का निर्माण वृहद स्तर पर करने को कहा। जनसामान्य को जल की बचत करने एवं पानी की खपत को कम करने के उपायों के बारे में प्रशिक्षित करनेें पर जोर दिया।
भूगर्भ जल निदेशक ने बताया कि भूजल सप्ताह 16 से 22 जुलाई तक समस्त जनपदांे में आयोजित करके जागरूकता उत्पन्न किये जाने की पहल की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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