उत्तर प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री श्री कैलाश चैरसिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के विकास हेतु बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार में 897 परियोजनाओं में वर्तमान में स्वीकृत 166073 आंगबाड़ी कार्यकत्र्रियों एवं 188259 सहायिकाओं (सामान्य आंगनबाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को सम्मिलित करते हुये) के पदों के लिये राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले अतिरिक्त मानदेय के भुगतान हेतु प्रति आंगनबाड़ी कार्यकत्री 200 रुपये प्रतिमाह की दर से एवं आंगनबाड़ी सहायिकाओं के लिये 100 रुपये प्रतिमाह की दर से वित्तीय वर्ष 2014-15 62.4486 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है।
श्री कैलाश चैरसिया ने यह जानकारी देते हुये बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार दसमेकित बाल विकास सेवा (आई0सी0डी0एस0) योजना 06 माह से 06 वर्ष आयु के बच्चों के समन्वित विकास के लिये प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इस हेतु प्रदेश की 897 परियोजनाओं के अन्तर्गत कुल 1,87,997 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। समेकित बाल विकास योजना जनपद स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी विभाग की योजनाओं का संचालन करते हैं और उनके अधीन परियोजना स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी और मुख्य सेविकायें योजना का पर्यवेक्षण करती हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री/सहायिका द्वारा किया जाता है जो मानदेय सेवा आधारित है। समेकित बाल विकास योजना के अन्तर्गत वेतन व मानदेय इत्यादि पर व्यय हेतु चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 1686.3590 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है। उन्होंने बताया कि इसी तरह अनुपूरक पोषाहार योजना के अन्तर्गत 06 माह से 03 वर्ष आयु के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं को अनुपूरक पोषाहार टेक होम राशन के रूप में दिया जाता है तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 03 से 06 वर्ष आयु के बच्चों को प्रातः काल नाश्ता तथा दोपहर में गरम पका-पकाया भोजन (हाॅट कुक्ड फूड) दिया जाता है। अनुपूरक पोषाहार योजना के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए 2363.6084 करोड़ रुपये का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि आई0सी0डी0एस0 प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत आई0सी0डी0एस0 कर्मियों को प्रशिक्षण संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
श्री चैरसिया ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहतव वर्ष 2014-15 के लिए प्रशिक्षण हेतु 32 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। इसी तरह किशोरी बालिकाओं के प्रशिक्षण हेतु किशोरी शक्ति योजना प्रदेश के 53 जनपदों में संचालित की जा रही है। किशारी शक्ति योजना का मुख्य उद्देश्य किशारियों को स्वास्थ्य समस्याओं एवं अधिकारों के प्रति जागरूक कर उनका सशक्तिकरण करना है। इस योजना के तहत वर्ष 2014-15 में प्रदेश में कुल 36,126 किशोरियों को प्रशिक्षित किये जाने हेतु 6.62 करोड़ का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी किशोरी बालिका सशक्तिकरण ‘‘सबला’’ योजना के अन्तर्गत 11 से 14 वर्ष आयु की स्कूल न जाने वाली तथा 14 से 18 वर्ष आयु की समस्त किशोरी बालिकाओं को अनुपूरक पुष्टाहार व प्रशिक्षण से लाभान्वित किया जाता है। यह योजना प्रदेश के 22 जनपदों में संचालित है। योजनान्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष में प्रशिक्षण हेतु 9.7280 करोड़ रुपये एवं अनुपूरक पुष्टाहार से लाभान्वित किये जाने हेतु 220.3350 करोड़ रुपये का प्राविधान है।
श्री चैरसिया ने बताया कि इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का संचालन प्रदेश के 03 जनपदों (सुल्तानपुर, अमेठी एवं महोबा) में संचालित है। इस योजना में गर्भवती महिलाओं की मजदूरी की आंशिक क्षतिपूर्ति हेतु चालू वित्तीय वर्ष हेतु 14.7632 करोड़ रुपये का प्राविधान है। उन्होंने यह भी बताया कि आगंनबाड़ी केन्द्र निर्माण कुल संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सापेक्ष विभागीय योजनाओं की संख्या बहुत कम है और अधिकांश केन्द्र प्राथमिक स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष अथवा बरामदे अथवा किराये के भवनों मे ंसंचालित हैं। योजना के सुचारू संचालन हेतु विभागीय आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण आवश्यक है अतएव वित्तीय वर्ष 2014-15 में आंगनबाड़ी केन्द्र के निर्माण हेतु कुल 166.66 करोड़ रुपये का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि फूड सिक्योरिटी एक्ट कैश एलाउंस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागू होने पर अधिनियम के तहत होने वाली विभिन्न क्रियाकलाप एवं दायित्व निर्धारण हेतु 1.00 लाख रुपये का टोकन की व्यवस्था है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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