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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य की कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

Posted on 17 June 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य की कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य करने के तौर-तरीकों से ही सरकार की छवि बनती और बिगड़ती है। इसलिए मण्डल एवं जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे विकास कार्यों की गुणवत्ता पर पैनी निगाह रखने के साथ-साथ बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए संजीदगी से कार्य करें। उन्होंने आश्वस्त किया कि मेहनती एवं ईमानदार अधिकारियों को पूरा संरक्षण प्रदान किया जाएगा, जबकि लापरवाह एवं भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज यहां विधान भवन के तिलक हाॅल में प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश सरकार की विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का आहवान करते हुए कहा कि जिलाधिकारी सड़कों सहित सभी बुनियादी परियोजनाओं की गुणवत्ता पर स्वयं निगाह रखें एवं भ्रष्टाचार या खराब गुणवत्ता की जानकारी मिलने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए शासन को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश केवल जनसंख्या की दृष्टिकोण से ही देश का सबसे बड़ा राज्य नहीं है, बल्कि राजनैतिक रूप से भी यह काफी संवेदनशील प्रदेश है। यहां की घटनाओं पर लोगों की निगाह रहती है। इसलिए स्थानीय प्रशासन को किसी भी प्रकरण में ऐसा मौका नहीं देना चाहिए, जिससे प्रदेश एवं राज्य सरकार की छवि प्रभावित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध रोकने के लिए प्रभावी एवं कड़े कदम उठाए जाएं। दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में यदि कोई वारदात हो जाए तो तुरंत सक्रिय होकर घटना के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करते हुए तत्काल जरूरी कदम उठाएं। उन्होंने जनपद बदायूं तथा कन्नौज की घटनाओं सहित अन्य सभी प्रकरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि जिला प्रशासन को इन घटनाओं पर तत्काल सक्रिय होकर उचित कदम उठाना चाहिए था। उन्होंने प्रशासन को ऐसी छवि बनाने का आहवान करते हुए कहा कि जनपद के किसी भी कोने में घटित होने वाली घटनाओं की तत्काल जानकारी जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों को पहुंचनी चाहिए। यह तभी सम्भव है, जब वरिष्ठ अधिकारियों का अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण एवं पकड़ हो तथा जनता में जिला प्रशासन की साख अच्छी हो।
श्री यादव ने हाल ही में जनपद श्रावस्ती के अपने आकस्मिक निरीक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि सामान्य तौर पर जनता जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक सहित जिला प्रशासन के प्रत्येक अधिकारी के बारे में पुख्ता जानकारी रखती है और विश्वास में लेकर पूछने पर अधिकारियों की कार्यप्रणाली के बारे में अवगत भी करा देती है। जनपद श्रावस्ती के आकस्मिक निरीक्षण से स्पष्ट हुआ कि कई स्थानों पर जिलाधिकारी सहित विकास से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी नहीं होती। ऐसी स्थिति में कार्यदायी संस्थाएं विकास योजनाओं की गुणवत्ता से समझौता करने में सफल हो जाती हैं। उन्होंने इस प्रवृत्ति पर तत्काल अंकुश लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली को शासन की प्राथमिकता के अनुसार सुधारें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एवं प्रशासन प्रदेश की जनता की मदद एवं उनके कल्याण के लिए ही है। जनता में जिला प्रशासन के प्रति भरोसा पैदा करने की अपेक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव है, जब आप जनता की समस्याओं को आसानी से सुनने एवं उनके समाधान के लिए उपलब्ध रहें। यदि आप जनता से सीधा संवाद कायम करने में सफल हो जाते हैं तो कई घटनाओं की जानकारी एवं सच्चाई आपको समय से मिल जाएगी और आप जानकारी के अनुसार प्रभावी कदम उठा सकेंगे। उन्होंने तहसील एवं थानों आदि की कार्यप्रणाली भ्रष्टाचार रहित बनाने पर जोर देते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद के सभी विभागों की गतिविधियों की पूरी जानकारी रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि अवस्थापना सुविधाओं के विकास में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। जन कल्याण के लिए चल रही योजनाओं की उचित सुनवाई एवं समीक्षा की जाए। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनता को मिलने वाले लाभ सुनिश्चित कराए जाएं तथा तहसील दिवस एवं समाधान दिवस को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को विकसित करने एवं यहां की कानून-व्यवस्था बेहतर बनाए रखने का उत्तरदायित्व अधिकारियों का ही है। उन्होंने आगाह किया कि दुधारू पशुओं की तस्करी, अवैध खनन, महिलाओं के साथ अत्याचार जैसी घटनाओं को हर हालत में प्रभावी ढंग से रोक जाए।
इससे पूर्व राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेयी ने बताया कि विगत दो वर्षों में प्रदेश की विकास दर देश की औसत विकास दर से अधिक है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में देश की विकास दर 4.8 प्रतिशत थी, जबकि उत्तर प्रदेश की विकास दर 5.9 फीसदी रही। वित्तीय वर्ष 2013-14 में देश की विकास दर 4.2 प्रतिशत तथा प्रदेश की 5.2 प्रतिशत रही है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश पूरे देश के औसत विकास दर से बेहतर तरक्की कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस दर को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है।
इस मौके पर मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने एफ.आई.आर. दर्ज न करने वाले पुलिस कर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ होेेने वाली घटनाओं के मामले में जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने जेलों का आकस्मिक निरीक्षण करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में प्रदेश स्तर से निर्देश का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्होंने जनता की समस्याओं को सुनने के लिए कार्यालय में प्रातः 10 से 12 बजे तक उपलब्ध रहने का निर्देश देते हुए कहा कि लोगों की समस्याओं के समाधान की जानकारी एस.एम.एस. या आई.टी. का उपयोग करते हुए भी देने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने लोहिया ग्राम योजना, लोहिया आवास, स्वच्छता कार्यक्रम के तहत बनने वाले शौचालयों तथा पेयजल की उपलब्धता के लिए आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी फीडर वार समीक्षा करें।
प्रमुख सचिव गृह श्री दीपक सिंघल एवं पुलिस महानिदेशक श्री ए.एल. बनर्जी ने बैठक में कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में अध्यक्ष राजस्व परिषद श्री अनूप मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी.एन. गर्ग, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, श्रीमती अनीता सिंह, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सूचना निदेशक डाॅ. रूपेश कुमार सहित पूरे प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का संचालन सूचना विभाग के उपनिदेशक डाॅ0 अशोक कुमार शर्मा ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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