आज दिनांक 22/05/2014 को श्री सिद्ध गोपाल रिछारिया इण्टर कालेज में मंसूरी समाज के तत्वाधान में पसमांदा मुस्लिम समाज द्वारा आयोजित इज्तिमाई षादी (सामूहिक विवाह) सम्मेलन में मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री, उ0प्र0 षासन/राश्ट्रीय अध्यक्ष, पसमांदा मुस्लिम समाज/ समाजवादी पार्टी के प्रदेष सचिव जनाब अनीस मंसूरी साहब थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मा0 मौलवी मो0 बख्ष मंसूरी जी ने की। विषिश्ठ अतिथि के रूप में श्री वसीम राईनी जी (प्रदेष अध्यक्ष, पसमांदा मुस्लिम समाज), श्री अहमद खाॅ मंसूरी (प्रदेष महासचिव, पसमांदा मुस्लिम समाज, हाजी सेठ नसरूल्लाह (राश्ट्रीय सचिव, ए.आई.एम.एस.), श्री ऐनुल हक़ राईन (प्रदेष सचिव, पी.एम.एस.) और श्री रहीम बख्ष मंसूरी (मण्डल महासचिव, पी.एम.एस.) ने षिरकत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अनीस मंसूरी जी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले 66 वर्शों से केन्द्र और राज्य सरकारे पसमांदा मुसलमानों का धोर षोशण करती आ रही है। पसमांदा मुसलमानों का सबसे ज्यादा षोशण कांग्रेस की सरकारों ने किया। वर्श 2012 के विधानसभा चुनाव से कुछ पूर्व कांग्रेस सरकार ने पिछड़ी जातियों हेतु प्रदत्त आरक्षण 27 प्रतिषत में से पिछड़े मुसलमानों को 4.5 प्रतिषत आरक्षण उच्च षिक्षा में देने का आष्वासन दिया था। जिसमें मुसलमानों के अलावा अन्य कई अल्पसंख्यक समाज के लोग है। यह उचित नही । पिछड़े मुसलमानों का 8.44 प्रतिषत का आरक्षण बनता है। कांग्रेस की केन्द्र सरकार आष्वासन देने के बजाय 8.44 प्रतिषत पिछड़े मुसलमानों का आरक्षण का षासनादेष जारी कर देना चाहिए। कांग्रेस ऐसा न कर पिछड़े मुसलमानों को गुमराह करने की साजिष कर रही है जिसका परिणाम आपके सामने है। पसमांदा मुस्लिम समाज केन्द्र और राज्य सरकारों से मांग करता है कि पिछड़े मुसलमानों को सरकारी/अर्द्धसरकारी सेवा, षिक्षा राजनीतिक क्षेत्रों एवं अन्य सभी क्षेत्रों में अनुपातिक भागीदारी दी जाये। कांग्रेस सियासी क्षेत्र में पसमांदा मुसलमानों की भागीदारी क्यों नही देना चाहती ? इसका जवाब कांग्रेस को देना होगा। कांग्रेस सरकार के ही षासन ने धारा 341 पर धार्मिक प्रतिबन्ध लगाकर मुस्लिम अनुसूचित जाति को आरक्षण से वंचित कर दिया गया। यह प्रतिबन्ध वर्श 1950 में तत्कालीन राश्ट्रपति अध्यादेष जारी कर लगाया गया। जब राष्ट्रपति के अध्यादेश से प्रतिबंध लगाया जा सकता है, तो राष्ट्रपति के ही अध्यादेश से धारा 341 पर लगे उक्त प्रतिबंध समाप्त हो सकता है। जिसे केन्द्र सरकार को करना चाहिए। इसमें सुप्रीम कोर्ट को कही बाधक नही होना चाहिए। इस प्रकार धारा 341 से धार्मिक प्रतिबंध समाप्त कर हिन्दू, सिख व बौद्ध अनुसूचित जातियों की भांति मुस्लिम अनुसूचित जातियों को भी अधिकार दिया जाये। पसमांदा मुस्लिम समाज देश के पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जन जातियों के साथ साझेदारी चाहता है तथा मुसलमानों की आबादी का 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान अपनी सियासी भागीदारी की मांग करता है। पसमांदा मुस्लिम समाज देश में आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को पिछड़े/दलित जातियों के आबादी के अनुपात में बढ़ाने की मांग करता है।
श्री वसीम राईनी, प्रदेश अध्यक्ष (पसमांदा मुस्लिम समाज) सभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष, मा. अनीस मंसूरी को प्रदेश का पसमांदा मुस्लिम समाज पूरी ताकत के साथ इनके आह्वान पर संघर्ष करता रहेगा। श्री राईनी ने दावे के साथ कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज का वोट समाजवादी पार्टी को मिला है, पसमांदा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों की जाॅच करायी जाये तो क्षेत्र का एक एक बूथ इसका जवाब देगा।
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे, पसमांदा मुस्लिम समाज के मौलवी मोहम्मद बख्ष मंसूरी ने कहा कि आने वाले दिनो में पसमांदा मुस्लिम समाज संगठनात्मक ढ़ाचा मज़बूत होने के साथ ही आगामी वर्शो में विषाल सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन कर पसमांदा मुसलमानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य करेगा। मास्टर षब्बीर मंसूरी ने आये हुये तमाम लोगों का षुक्रिया अदा किया।
इस अवसर पर पसमांदा के जिला अध्यक्ष कलीम मंसूरी, सलीम अहमद, मुष्ताक षेख, गफ्फार मंसूरी, षकील मो0 मंसूरी, अब्दुल सलाम मंसूरी, बाबू खाॅ मंसूरी, नूरउद्दीन मसउदी, मुख्तार मंसूरी, हाजी नबी बख्ष मंसूरी, मुन्ना मंसूरी, जावेद मंसूरी, मो0 आजाद, मास्टर षब्बीर मंसूरी, प्यार मो0 मंसूरी, वहीद मंसूरी, अकबर मंसूरी, बषीर निजामी के अलावा भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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