प्रत्येक बीमारी की जड़ मन में है, योग विज्ञान मन से तनाव को खत्म करता है। अज्ञानतावश लोग दवा लेने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन योग एक सहज प्रक्रिया है, जिससे शारीरिक, मानसिक एवं अध्यात्मिक शांति आनंद की प्राप्ति होती है। अनियमित स्वास्थ्य, चंचल मन होने पर व्यक्ति एक के बाद बीमारियों का शिकार होता जाता है। शरीर सबसे अधिक महत्वपूर्ण है एवं व्यक्ति का स्वास्थ्य रहना सबसे जरूरी है। योग विज्ञान हमें सिखाता है नींद, आहार, पानी, आदि कैसे कितना कब-कब लें।
विवेकानन्द पाॅलीक्लीनिक एवं आर्युविज्ञान संस्थान एवं रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी मुक्तनाथानन्द ने आज यहां विचार विवेकानन्द अस्पताल के सभागार में आयोजित योग जागरूकता शिविर में रखें। योग जागरूकता शिविर में स्वामी जी ने बताया कि एक माह के 12 मई से 11 जून, 2014 तक प्राकृतिक चिकित्सा कैम्प में योगिक क्रियाओं के साथ-साथ ध्यान करने की विधि के, सही दिनचर्या आदि के बारे में बताया जायेगा। उन्होंने कहा कि योगा थेरेपी के द्वारा मोटापा, गठिया, ब्लडप्रेशर, स्पान्डिलाइटिस, अनिद्रा, मानसिक तनाव, डिप्रेशन मधुमेह, हृदय रोेग, माईग्रेन, महिलाओं एवं बच्चों आदि से सम्बन्धित बीमारियों का सफल इलाज किया जायेगा।
त्रिवेणी योग विज्ञान प्रशिक्षण एवं चिकित्सा संस्थान, झूसी इलाहाबाद के स्वामी प्रज्ञानन्द ने बताया कि योग बीमारियों में योग प्रतिरोधक टीका की तरह काम करता है। नियमितता एवं विश्वास के साथ योग करने से अवश्य ही लाभ होता है। यह शरीर मन एवं श्वास को आपस में जोड़ता है प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार ने बताया कि योगा से उनके जीवन मेें आश्चर्य चकित बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि अगर शरीर के मजबूत एवं (यंग) जवान रखना है तो एक बार योग अवश्य अपनाइये एवं इससे बंध जाइये। कैम्प में बताया गया कि गत पांच माह में, लखनऊ के विभिन्न स्कूलों के 600 विद्यार्थियों को योग सिखाया जा चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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