भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकान्त वाजपेई ने पार्टी मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि फैजाबाद में मंच पर लगे भगवान श्रीराम के चित्र पर बौखलाई कांगे्रस चुनाव आयोग से शिकायत कर रही है। जबकि कांगे्रस को यह ज्ञात होना चाहिए कि मूल संविधान में मौलिक अधिकारों के पृष्ठ पर भगवान राम , लक्ष्मण व माता सीता का चित्र है तो राज्य के नीति निदेशक तत्वों के पृष्ठ पर भगवान श्री कृष्ण का चित्र है अन्य पृष्ठों पर भी नटराज व अन्य देवी देवताओं के चित्र है। भगवान श्री राम तो भारत के कण-कण में है। निर्वाचन आदर्श आचार संहिता धर्म स्थान के प्रयोग व धर्म के नाम पर वोट मांगने पर प्रतिबंध लगाती है। जबकि फैजाबाद की सभा में ऐसा कुछ भी नही हुआ। डा0 बाजपेयी ने श्री राम को हिन्दू जीवन दर्शन बताया और कहा कि महात्मा गांधी ने भी जीवन के अंतिम क्षण में “हे राम“ का उच्चारण किया था।
डा0 बाजपेयी ने आजमगढ़ के बयान पर कहा कि आजमगढ़ जिला आतंकवादी बनाने का सबसे बड़ा केन्द्र हैं। सिमी के लिए ये जिला सबसे अधिक आतंक को खाद-पानी देने वाला रहा है।आजमगढ़ का सरायमीर और संजरपुर का इलाका दर्जनों युवाओं को आतंकवाद में लाने का केन्द्र बिन्दु रहा है। संजरपुर के 13 युवक जिसमें कई उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे थे, वे सितंबर 2008 दिल्ली के बम विस्फोटों में शामिल रहे है। जबकि सरायमीर ने कई माफियाओं को निकाला हैै। जिनकी डेढ़ दर्जन से अधिक संख्या रही है जिसने क्राइम बाजार में सैकड़ों जनरेशन-एक्स पैदा किए है।
इन दो नामों के अलावा मुबारकपुर,बिलारीगंज,लारगंज, बिंदवाल, अनवाॅक, बिशान और मोहम्मदपुर भी आतंकवाद की नर्सरी का गढ़ रहा है। जहां से अबु सलेम, अबु बशर, मोहम्मद सैफ, आतिफ, खालिद जीशान, शकील, जिया खान, सलमान साजिद, शहजाद, जुनैद और शादाब समेत सैकड़ों युवक शामिल है।
सरायमीर आजमगढ की इस सूची में हाजी मस्तान, दाउद इब्राहिम, सरायमीर का दामाद अबू सलेम, और इनकी दूसरी पीढी सलीम चिकना, इरफान गूंगा जाकि मूलतः क्रांटेक्ट किलर रहे है।सरायमीर का शाहिद बद्र फलाही सिमी यानि इस्लामिक मूवमेंट आॅफ इंडिया का पहला अध्यक्ष रहा है।आजमगढ़ की आतंकवादी नर्सरी में 25 ऐसे नाम शामिल है। जिसमें आतिश और साजिद संजरपुर के थे जोकि बटला हाउस इकाउंटर में मारे गए।सिमी का एक टाॅप एक्टिीबिस्ट रहा अबु बशर सरायमीर का रहने वाला है जो गिरफतार किया गया था जो कि अहममदाबाद सीरियल विस्फोट का मास्टर माइंड था। इसके साथ मारे गए आतिफ और सईद संजरपुर के रहने वाले थे जबकि मोहम्मद सैफ सरायमीर का रहने वाला था। सरायमीर में सिमी का स्लीपर सेल काम करता है जिसका भंडाफोड आईबी ने 2008 में किया था। आजमगढ़ पिछले तीन दशकों में हवाला कारोबार का सबसे बडा केन्द्र बना हुआ है। सरायमीर और संजरपुर ऐसे केन्द्र है जिसमें दो दशकों के दौरान सबसे ज्यादा आर्थिक संपन्नता आयी हैै। यासीन भटकल के साथ गिरफ्तार किया गया दूसरा आतंकी असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी उर्फ तबरेज आजमगढ कोतवाली का रहने वाला है।लखनऊ जेल में बंद हूजी के आतंकी सैफ और रईस सरायमीर के है वहीं सलमान संजरपुर का रहने वाला है। 1998 में एसटीएफ ने 54 आतंकवादियों को पकड़ा था और नौ को मार गिराया था जिसमें से 29 आजमगढ़ के है।यूपी के बरेली, नैनी, लखनऊ, उन्नाव जेल में 46 आतंकी बंद है जिसमें से 19 आजमगढ के है। जिनपर 50 आतंकी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। यूपी के 16 जिलों में आजमगढ कनेक्शन के आतंकी स्लीपिुग माड्यूल काम कर रहे हैं जिसमें पासबा-ए-अहले हदीस, सिमी, हरकत-उल-अंसार, अलवर्क तंजीम के एजेंट फैले हुए हैं
डा0 बाजपेयी ने आतंकियों के मसले पर तथाकथित सेक्युलर नेताओं को भी आड़े हाथों लिया। उन्होने कहा कि अहमदाबाद बम ब्लास्ट के बाद पकडे गए अबु बशर जो कि सरायमीर आजमगढ़ से गिरफ्तार किया गया था कि गिरफ्तारी को लेकर देश के कई नेताओं और धार्मिक मौलानाओं ने विरोध किया था। सपा, बसपा, कांग्रेस समेत बसपा के आजमगढ सांसद अकबर अहमद डंपी ने खुला विरोध करते हुए इनको बेगुनाह बताया था। कांग्रेस नेता रामनरेश यादव, महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबु आजमी, तीस्ता सीतलवाड़, अमर सिंह, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और दिल्ली जामा मसजिद के शाही इमाम बुखारी आदि ने अबु बशर के आजमगढ के घर का दौरा करके सरकार को खुली चुनौती दी थी। शाही इमाम तो खुले बगावत के मूड में थे और उन्होंने दिल्ली में बडी रैली की थी जिसमें आजमगढ से ले जाने के लिए रेलगाडी रिजर्व करायी गई थी। बटला मामले को लेकर इमाम और तीस्ता सीतलवाड ने कोर्ट में भी दस्तक थी। पहली बार देश में किसी धार्मिक नेता ने खुलकर आतंकवादियों का साथ दिया था।
दिल्ली में सीरियल विस्फोट किया गया था और कुछ दिन बाद ही आतिफ और साजिद को मारा गया था जबकि सैफ समेत चार को पकडा गया था तब पता चला था कि आजमगढ के संजरपुर कनेक्शन से के ये युवक जयपुर बेंगलुरू बम विस्फोट में भी शामिल रहे है। एक समय तो मुख्यमंत्री पद पर बैठी मायावती ने भी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को सिमी का प्रोटेक्टर बताया था। प्रदेश में सिमी का विस्तार सपा शासन काल के दौरान 2005 के आसपास तेजी से हुआ था। मुलायम ने स्वयं ही सिमी चीफ नागौरी के खिलाफ बहराइच कोर्ट से मामला वापस लेने का आदेश दिया था।बटला इनकाउंटर के बाद कांग्रेस के महासचिव रहे दिग्विजय सिंह ने आजमगढ़ को एजेंसियों द्वारा आतंक की नर्सरी बताने पर आलोचना की थी। अदालत द्वारा दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट देने के बाद ये महासचिव और अमर सिहं समेत कई नेताओं ने सरायमीर जाकर आंसू बहाये थे। सलमान खुर्शीद ने कहा था कि जब मैंने मैडम सोनिया गांधी को बटला मुठभेड की जानकरी बतायी तो सोनिया जी रो पडी और कहा कि वहां के युवकों के साथ गलत किया जा रहा है।
डा0 बाजपेयी ने अगले चरणों के मतदान में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए केन्द्रीय सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती की मांग की व मतगणना में भी केन्द्रीय कर्मचारियों को लगाने का आग्रह किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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