समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सुश्री अध्यक्षा को लोकसभा चुनावों में भी विधानसभा चुनावों की तरह जनता के बीच जब कोई भाव नहीं मिला तो वह तिलमिलाकर अनर्गल बयानबाजी पर उतर आई है। भाजपा के साथ उनके पुराने रिश्ते हैं और आगे भी इनकी जरूरत पड़ सकती है, इसलिए वे उनकी आलोचना से कतराती हैंे। कांगे्रस पर उनका बस नहीं है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की दिन पर दिन बढ़ती ताकत से हैरान, परेशान होकर वे समाजवादी सरकार को ही बर्खास्त करने की माॅग करने लगती है।
श्री मुलायम सिंह यादव की इस बात पर कि समझ में नहीं आता उन्हें क्या कहूॅ बसपा नेत्री की प्रतिक्रिया समझ में नहीं आती है। ऐसा लगता है कि उनका शाब्दिक ज्ञान भी बहुत सीमित है तभी वे अर्थ में उनर्थ खोज लेती हैं और वैसा ही बोल भी देती हैं। अपने बचकाने बयान और बेहूदी माॅग पर उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए। नेता जी ने महिलाओं का हमेशा सम्मान किया है और संगठन तथा सरकार में उन्हें बड़ी जिम्मेदारियाॅ दी हैं। समाजवादी पार्टी डा0 राममनोहर लोहिया के विचारों से अनुप्रमाणित है जिन्होंने नर-नारी समानता पर बल दिया था। डा0 अम्बेडकर भी समाज व्यवस्था को बदलने में विश्वास रखते थे। इसके विपरीत सुश्री ने तो अपनी पार्टी में महिलाओं को हर स्तर पर अपमानित किया है। उन्हें तो दूसरी महिलाओं से इतनी एलर्जी है कि उनके नाम की एक महिला एक बार विधायक बनी तो उसे अपना नाम बदलने को ही बाध्य कर दिया। मायाराज में महिलाएं संगठन और सरकार में कोई स्थान नहीं पाती हैं।
कहावत है कि जिसके घर शीशे के हांें, उसे दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। सुश्री ने अपने शासनकाल में उन्हें मंत्री बनाया था जो लूट, बलात्कार और अपहरण के महारथी लोग थे। अपने मुख्यमंत्रंी काल में एक दौर पर कुछ दलित महिलाएं अपनी तकलीफें बताने आगे बढ़ी तो उन्हें पुलिस यातना का शिकार बनाया गया। अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रति दुव्र्यवहार पूर्ण आचरण के लिए तो वे मशहूर रही है।
बसपा की सुश्री के लिए सत्ता लूटतंत्र को वैधानिकता देने का माध्यम है। जब-जब वे सत्ता में रही लूट और झूठ का बाजार गर्म रहा। तानाशाही आचरण के लिए कुख्यात सुश्री का शिष्टाचार की दुहाई देना हास्यास्पद तो है ही, घोर निन्दनीय भी है। नेता जी किसानों, गरीबों, पिछड़ों और मुसलमानों की लड़ाई लड़ते रहे हैं और श्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व में समाज के सभी वर्गो को लाभ दिया जा रहा है। विशेष तौर पर महिलाओं और छात्राओं को विशेष अवसर प्रदान किया है। इसके विपरीत बसपा अध्यक्ष सिर्फ खजाने की लूट की योजनाओं पर ही अमल करती रही हैं। कोई गरीब या दलित उनकी चैखट तक कभी नहीं पहुॅच पाया है। यहाॅ तक कि उनके शासनकाल में जिन दलित बच्चियों के साथ उनके ही दल के नेताओं ने बलात्कार-दुव्र्यवहार किया था उन पीडि़त परिजनों से सुश्री ने भंेट करने से ही इंकार नहीं कर दिया, बल्कि पुलिस के जरिए उनका उत्पीड़न तक करा दिया। बसपा की सुश्री को लोकराज सीखना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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