सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में 38 देशों की शिक्षात्मक फिल्मों का आनन्द उठाने हजारों की संख्या में पधारे छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों की गहमा-गहमी व चहल-पहल से बाल फिल्मोत्सव का छठा दिन आज उल्लास व उमंग से सराबोर रहा। सी.एम.एस. कानपुर रोड के सम्पूर्ण परिसर में जहाँ-तहाँ छात्रों के झुण्ड इन्हीं मनोरंजक व शिक्षात्मक फिल्मों की चर्चा करते नजर आये। अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में जहाँ लखनऊ व आसपास के क्षेत्रों से पधारे छात्रों ने शिक्षात्मक बाल फिल्मों का आनन्द उठाया तो वहीं दूसरी ओर अभिभावकों व शिक्षकों ने बच्चों के चरित्र निर्माण की इस अनूठी पहल की भरपूर सराहना की। इस भव्य अवसर पर जहाँ एक ओर प्रख्यात गायिका सुश्री इला अरुण, प्रख्यात फिल्म व चरित्र अभिनेता श्री के. के. रैना एवं फिल्म अभिनेत्री सुश्री अदिति शर्मा ने समारोह में चार-चाँद लगा दिये तो वहीं दूसरी ओर लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों से पधारे लगभग 10,000 से अधिक छात्रों ने आयोजन की सार्थकता सिद्ध कर दी। विदित हो कि छात्रों एवं युवा पीढ़ी के चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास हेतु सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन के तत्वावधान में 7 से 15 अप्रैल तक नौ दिवसीय ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव’’ सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहा है जिसके अन्तर्गत 38 देशों की बेहतरीन शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क दिखाई जा रही हैं। यह बाल फिल्मोत्सव ‘विश्व एकता एवं विश्व शान्ति’ को समर्पित है।
इससे पहले, मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री राजशेखर, आई.ए.एस., जिलाधिकारी, लखनऊ ने दीप प्रज्वलित कर अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के छठें दिन का विधिवत शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री राजशेखर, आई.ए.एस. ने कहा कि इस सभागार में उपस्थित बच्चों की भारी तादात इस बात का सबूत है कि बाल फिल्मोत्सव कितना लोकप्रिय है। दरअसल, यह वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता है कि बच्चों व किशोरों में जीवन मूल्यों, संस्कारों व चारित्रिक गुणों का विकास हो। उन्होंने आगे कहा कि इस बाल फिल्मोत्सव को देखकर तो ऐसा लगता है कि सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी जी एक नया समाज बना रहे हैं जो चारित्रिक व नैतिक गुणों से भरपूर है।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के अन्तर्गत सी.एम.एस. कानपुर रोड के विभिन्न मिनी थियटरों में आज देश-विदेश की विभिन्न बेहतरीन शैक्षिक फिल्में दिखाई गई जिनमें ‘वेडिंग पार्टी, वाइन्ड, विरासत, ओह शीप, माँ, मैनी क्रो एण्ड द फाॅक्स, द गोल्ड चेन, गैबरील, अपना शहर, द मिस्टीरियस ब्वाए, द फाॅक्स हू फालोड द साउण्ड, मिस्टर रिदिम, क्या देखें हम, पिट एण्ड वीम, एडवेन्चर डाउन द ड्रेन, आओ दोस्ती करें’ आदि प्रमुख थी। इन सभी बाल फिल्मों ने बच्चों को खूब लुभाया। छात्रों के चेहरों पर छाया उल्लास महोत्सव की सफलता की कहानी अपने आप बयां कर रहा था। फिल्म देखने के बाद अधिकांश छात्रों की प्रतिक्रिया थी कि विद्यालय में नैतिक शिक्षा के पीरियड को तो हम हंसी में उड़ा देते हैं लेकिन इस प्रकार मनोरंजन के माध्यम से छात्रों को जीवन मूल्यों का ज्ञान देने का यह तरीका अत्यन्त प्रशंसनीय है। शैक्षिक फिल्मों का आनन्द उठाने पधारे विभिन्न विद्यालयों के छात्रों में शेरवुड एकेडमी, रेड रोज सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, माॅन्टफोर्ट इण्टर कालेज, सरस्वती शिशु मन्दिर, ट्रिनिटी एकेडमी, बैनबेरी इंग्लिश मीडियम स्कूल, राजकीय इण्टर कालेज, निशातगंज, एम.बी. डेज एकेडमी, लखनऊ माॅडल पब्लिक इण्टर कालेज, ज्योति चिल्ड्रेन्स स्कूल आदि शामिल हैं।
महोत्सव के छठे दिन अपरान्हः सत्र में आज सी.एम.एस. कानपुर रोड पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में प्रख्यात गायिका सुश्री इला अरुण, प्रख्यात फिल्म व चरित्र अभिनेता श्री के. के. रैना एवं फिल्म अभिनेत्री सुश्री अदिति शर्मा पत्रकारों से रूबरू हुए और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रख्यात गायिका सुश्री इला अरुण ने विश्वास व्यक्त किया कि यह महोत्सव बच्चों को अपने अन्दर छिपी प्रतिभा को पहचानने में मदद करेगा। इस महोत्सव में बच्चों को सरल, सीधी, स्वस्थ मनोरंजक व शिक्षात्मक फिल्में बच्चों को देखने को मिल रही हैं, जिसका प्रभाव उन पर अवश्य पड़ेगा और उनके मन-मस्तिष्क में रचनात्मक व सृजनात्मक विचार आयेंगे। प्रख्यात फिल्म व चरित्र अभिनेता श्री के. के. रैना ने महोत्सव की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. का यह फिल्म महोत्सव वाकई में बहुत सराहनीय कदम है। उन्होंने देश-विदेश से आई फिल्मों में काफी रुचि दिखाई। फिल्म अभिनेत्री सुश्री अदिति शर्मा ने कहा कि यह महोत्सव अपने आपमें अनूठा है और खासकर बच्चों के लिए आयोजित होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस महोत्सव में 38 देशों की शिक्षात्मक बाल फिल्मों का प्रदर्शन सचमुच अनूठा है।
इस अवसर पर उपस्थित प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल को लखनऊ के छात्रों, युवाओं, शिक्षकों व अभिभावकों का अभूतपूर्व समर्थन व अपार सहयोग मिला है जिसके लिए मैं लखनऊ की जनता का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। फिल्में बच्चों को एक अच्छा या बुरा मानव बनाने की क्षमता रखती हैं क्योंकि बच्चों के कोमल मस्तिष्क पर फिल्म जैसे सशक्त माध्यम का बड़ा ही गहरा प्रभाव पड़ता है। अतः यह जरूरी है कि छात्रों के नैतिक व चारित्रिक गुणों के विकास हेतु अच्छी शिक्षाप्रद फिल्में अधिक से अधिक संख्या में बनायी जानी चाहिए। ऐसी फिल्में बच्चों के जीवन के विकास के लिए बहुत उपयोगी है। डा. गाँधी ने कहा कि आजकल सिनेमा के नाम पर बच्चों को अश्लील फिल्में दिखाई जा रही है जिनमें सेक्स, हिंसा और बुराई को उभारा जा रहा है। ऐसे में बच्चे संस्कृति और सभ्यता से दूर होते जा रहे हैं और उनमें हिंसात्मक प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसको रोकने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अच्छी, साफ-सुथरी व गुणों से युक्त फिल्में खासतौर से बच्चों के लिए बनाई जाएं।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि आई.सी.एफ.एफ.-2014 के अन्तर्गत शैक्षिक बाल फिल्मों को 7 से 15 अप्रैल तक निःशुल्क प्रदर्शित किया जा रहा है। वर्तमान में समाज की विषम परिस्थितियों को देखते हुए ऐसे ही कई आयोजनों की नितान्त आवश्यकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सी.एम.एस. का यह सारा प्रयोजन मानवता को विकास के पथ पर ले जाने का अभूतपूर्व प्रयास है। श्री शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2014) के अन्तगर्त कल दिनाँक 13 अप्रैल, रविवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में देश-विदेश की सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया जायेगा। इस अवसर पर प्रख्यात फिल्म निर्देशक श्री सुधीर मिश्रा देश-विदेश की सर्वश्रेष्ठ चयनित बाल फिल्मों को 10 लाख रूपये के पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित करेंगे। इससे पहले अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के सातवें दिन का उद्घाटन सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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