उपराष्ट्रूपति मोहम्म द हामिद अंसारी ने कहा है कि त्वारितए सतत और समावेशी आर्थिक विकास प्राप्त। करने के लिए कौशल विकास एक महत्व पूर्ण पहलू है। आज के एकीकृत विश्वप में कौशल विकास के परिणामस्वेरूप आवश्य्क कौशलए ज्ञान तथा अंतर्राष्ट्री य स्तार पर मान्यअ प्रमाण पत्रों के साथ एक ऐसी मानव शक्तिय तैयार करने में मदद मिलती हैए जो अच्छे स्तार के रोजगार प्राप्ती कर सकती है और विश्वा बाजार में स्प र्धा सुनिश्चिजत कर सकती है।
पीएचडी चैम्बपर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा स्कू।लों में कौशल विकास पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीमय सम्मेरलन का आज नई दिल्लीं में उद्घाटन करते हुए श्री अंसारी ने कहा कि कौशल विकास का उद्देश्य कामगारों की रोजगार प्राप्तल करने की योग्य ता और उनकी कार्यकुशलता बढ़ाना है तथा उनमें नई प्रौद्योगिकियों और बाजार.मांग के अनुसार अपने आप को ढालने की योग्यनता पैदा करना है। चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा देश हैए जहां कामगारों की संख्या सबसे अधिक है। अनमुानतरू 2022 तक देश की कुल आबादी की 63 प्रतिशत संख्याा कामगार आयु वर्ग में होगीए जो वास्ततव में बहुत बड़ी संख्या होगी।
श्री अंसारी ने कहा कि विश्वस बैंक के अनुसार भारत ऐसे कुछ देशों में से एक हैए जहां 2040 तक के तीन दशकों में काम करने वाले लोगों की संख्याक उन पर आश्रितों की संख्यां से काफी अधिक होगी। अगर हम अपने लोगों की कौशल.दक्षता लगातार बढ़ाते रहेए तो हमारी अर्थव्यगवस्थाे के लिए बहुत ही सशक्तढ संसाधन तैयार हो जाएगा।
उपराष्ट्रेपति ने कहा कि जैसे.जैसे भारत की अर्थव्यकवस्थास विकसित होगी और यह सक्षम होती जाएगीए तो कामगारों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में काम के लिए जाना स्वामभाविक होगा। लेकिन इसके लिए भिन्नक और विशिष्टो प्रकार के कौशलों की आवश्य कता होगीए जिनके लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास जरूरी होगा। कौशल विकास और प्रशिक्षण की इस कमी को स्कू लों और अन्यं स्तौरों पर पूरा करने की जरूरत है। कौशल प्रशिक्षण प्राप्तइ करने वालों की संख्यान में भी वृद्धि करनी होगी। देश में स्कू।लों में लगभग 22 करोड़ 70 लाख छात्र हैंए लेकिन व्या वसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में हर साल केवल 35 लाख छात्र ही जाते हैं। चीन और अमरीका के मुकाबले भारत इस दिशा में पीछे है। चीन में 9 करोड़ और अमरीका में 1 करोड़ 10 लाख छात्र व्याोवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्तद लेते हैं।
बोस्टकन कन्स्लटेंसी ग्रुप द्वारा 2007 में किए गए अध्यययन का उल्लेपख करते हुए श्री अंसारी ने कहा कि इस अध्ययन के अनुसार 2020 तक भारत में 5 करोड़ 60 लाख अधिक कामगार उपलब्धं होंगेए जबकि बाकी दुनिया में 4 करोड़ 70 लाख कामगारों की कमी होगी। इसलिए हमें चाहिए कि हम न केवल अपनी बढ़ती अर्थव्ययवस्था के लिएए बल्किं विश्वव की उन्नवत अर्थव्य वस्थालओं में भागीदारी के लिए भी अपने युवाओं को तकनीकी दृष्टिए से प्रशिक्षित करें।
श्री अंसारी ने कहा कि राष्ट्री य विकास के उद्देश्यी की पूर्ति के लिए सरकार कौशल विकास के महत्व को समझती है। इसलिए सरकार ने कौशल.युक्त मानव शक्ति की मांग को पूरा करने के लिए 2022 तक 50 करोड़ कौशल.युक्त कामगार तैयार करने का लक्ष्यू अपने सामने रखा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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