भारतीय जनता पार्टी ने कहा सीमा पर लड़ने वाला सिपाही भारतीय है। अपने सियासी लाभ के लिए लगातार अर्नगल बयानबाजी में जुटे नेता कम से कम सेना को तो बक्श दे। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के कारगील युद्ध के कहे कथन पर कहा कि देश किसी को सुरक्षाबलों में साम्प्रदायिक विभाजन की इजाजत नही देता। यह सीमा पर जाबांज सिपाहियों का अपमान है। सुरक्षाबलों को साम्प्रदायिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश है। पार्टी ने आजम खां के इस बयान के परिपेक्षय में निर्वाचन आयोग से शिकायत करते हुए समाजवादी पार्टी पर कार्रवाई की मांग की।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जो लोग आज सेना में हिन्दू-मुसलमान का विभेद कर यह समझाने में लगे है कि सीमा पर लड़ाई मुसलमानों ने या हिन्दूओं ने जीती वे यह तो बता दे कि उत्साहवर्धन या संवेदना प्रकट करने के लिए कितने सैनिक परिवारों तक गए। मजहबी राजनीति की अंधी दौड़ में स,ब,का, इतनी उतावले पन में है कि कैसे भी हो धु्रवीकरण हो उसी धु्रवीकरण की आस में अर्नगल बयानबाजी जारी है।
उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी अपने राष्ट्रीय महासचिव के इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। समाजवादी पार्टी अपने इन मंत्री के बयानों से सहमत है या नही। इस बयान से सेना के नौजवानों का मनोबल गिरा है। दरआसल पुलिस में सम्प्रदाय के आधार पर आरक्षण देने की बात सपा का घोषणा पत्र करता है। यह बयान भी सपा की मजहबी सियासत का ही एक नमूना है।
श्री पाठक ने कहा कि इसके पहले समाजवादी पार्टी के सर्मथन से चल रही यूपीए सरकार ने सेना में धार्मिक आधार पर सैनिकों की गिनती कराने की कोशिश की पर सेना के अधिकारियों के व्यापक विरोध के कारण ये योजना परवान नही चढ़ पायी। अब उनके सहयोगी ने फिर बयान दे कर उस पर बहस कराने की कोशिश की है। उन्होने कहा मोदी को रोकने के लिए जनता से आग्रह करने वाले सपा प्रमुख यह तो बताये कि जिस तीसरे मोर्चे की वकालत वे कर रहे है, उसका वजूद क्या है? तीसरे मोर्चे की कवायद हर चुनाव के पहले होती है। सपा हर बार की तरह इस बार भी तीसरे मोर्चे की वकालत करने मे जुटी है पर अन्त में उसी कांगे्रस के सामने सरेन्डर होने वाली है। जिनके सामने लड़ने का दाव अभी कर रही है। कांगे्रस के प्रमुख नेताओं के विरूद्ध ये अपना उम्मीदवार नही खड़ा करते और कांगे्रस इनके विरूद्ध प्रत्याशी नही खड़े करती। नूराकुश्ती का खेल खेलते सपा-कांग्रेस का चेहरा उजागर हो गया है। चूकि यूपीए सरकार के कुशासन और मंहगाई भ्रष्टाचार से सपा अपने को अलग रखना चाहती है। इसलिए कांगे्रस को भाजपा के सामने सरेंडर बता रही है।
श्री पाठक ने कहा यह चुनाव का समय है और निष्पक्ष चुनाव कराना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है। इन निर्वाचन में सुरक्षाबलों का महत्वपूर्ण योगदान है। फिर ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति साम्प्रदायिक राजनीत सुरक्षा बलों को लेकर करता है। तो गंभीर प्रतिक्रिया चुनावी प्रक्रिया में होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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