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भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के आॅनलाइन परीक्षा केन्द्र का शुभारम्भ

Posted on 08 April 2014 by admin

सूचना प्रौद्योगिकी रोजमर्रा के कार्यों में समावेशित होकर हमें लाभान्वित करती आई है। इस प्रौद्योगिकी का प्रभाव वर्तमान में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में भी देखा गया। जिसने नेट-2014 की परीक्षा पहली बार आॅनलाइन करा के बुलन्दियों को छू लिया है। कृषि वैज्ञानिक चयन आयोग, नई दिल्ली समय-समय पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि मंत्रालय, नई दिल्ली के लिए विभिन्न परीक्षायें कराता रहता है। यह परीक्षायें भारत के विभिन्न राज्यों में 30 से अधिक केन्द्रों में होती है और जिसके लिए धन, श्रम और समय की अत्यधिक आवश्यकता होती है। विगत वर्षों में आयोग ने इन संसाधनों को कम करने के लिए एन.ए.आई.पी. की मदद से 23 केन्द्रों में आॅनलाइन परीक्षा भवनों का निर्माण कराया और इन्हें आॅनलाइन परीक्षा के लिए जरूरी संसाधनों से लैस किया। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ को भी इस कार्य के लिए चुना गया और 100 सीट का एक केन्द्र इस परिसर में विकसित किया गया।
डा. एस. अयप्पन, महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् और सचिव डेयर ने नई दिल्ली से आॅनलाइन तरीके से इन केन्द्रों का 25 मार्च को उद्घाटन कर भविष्य में आॅनलाइन तरीके से परीक्षा कराने के लिए ए.एस.आर.बी. को समर्पित कर दिया। इन परीक्षा केन्द्रांे का शुभारम्भ नेट-2014 की पहली आॅनलाइन परीक्षा से किया गया जो विगत 26 मार्च से 4 अप्रैल, 2014 तक संम्पन्न हुआ। डा. पी.के. बाजपेयी, प्रधान वैज्ञानिक और डा. एस.एस. हसन, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं आनलाइन परिक्षा के नोडल आॅफिसर ने बताया कि कुल 1585 पात्र इस परीक्षा केन्द्र में 55 विषयों में परीक्षा देने के लिए आमंत्रित किए गए। जिनमें से 1211 पात्रों ने इस केन्द्र में प्रत्येक दिन 2 पालियों में परीक्षा दी। डा. हसन ने यह भी बताया कि लखनऊ केन्द्र में नई दिल्ली के उपरान्त सबसे अधिक पात्रों ने परीक्षा दी जो संस्थान के  लिए गर्व का विषय है। डा. एस. सोलोमन, निदेशक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने वैज्ञानिकों तथा नोडल आॅफिसर को इस केन्द्र की स्थापना के लिए बधाई दिया और यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में भी इस केन्द्र में आने वाले परिक्षार्थियों को हर सुविधा प्रदान करने के लिए उचित बदलाव करते रहेंगे तथा आवश्यक निवेश एवं संसाधन उपलब्ध कराए जायेंगे। संस्थान के मीडिया प्रभारी डा0 ए0 के0 साह, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इस आॅलाइन परीक्षा केन्द्र को सूचना प्रौद्यौगिकी क्रांति की दिशा में एक अतुलनीय तथा नवोन्मेषी कदम बताया। यह कदम मानव संसाधन तथा लागत में बचत के लिए आवश्यक पहल है साथ ही परीक्षा में नकल जैसी गड़बड़ी से भी छुटकारा दिलाएगा। इस प्रकार के परीक्षा आयोजन से परीक्षार्थियों का मूल्यांकन भी त्वरित तथा भेद-भाव रहित हो पायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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