जहां षिव है वहीं षक्ति है, षिव के बिना षक्ति अधूरी और षक्ति के बिना षिव अधूरे है। अतः षिव-षक्ति के चरणों में विनती हेतु लोक परमार्थ सेवा समिति ने नादरगंज स्थित कान्हा उपवन के जीवाश्रय गौषाला में नवरात्रों के षुभ अवसर पर सुरभि यज्ञ व गौ-नंदी भण्डारा कर षिव-षक्ति के चरणों में देष व प्रदेष की खुषहाली की कामना की।
इस धार्मिक आायोजन का प्रारम्भ महागौरी स्वरूपा सैकडों गऊ माताओं और षिव बाबा स्वरूप सैकडों नन्दी बाबा को 40 बोरी भूसा, 10 बोरी चोकर, 06 बोरी भूसी 20 किलो गुड़ सबको मिलाकर गौ माताओं और नन्दी बाबाओं को खिलाकर देष व प्रदेष की खुषहाली की कामना की गयी।
समिति की प्रवक्ता श्रीष षर्मा ने बताया कि नवरात्र के महाअश्टमी के दिन गौमाता और कन्या की पूजा साक्षात् जगदम्बा की पूजा है। इसीलिए समिति ने महाअश्टमी के एक दिन पूर्व महासप्तमी के दिन सुरभि यज्ञ और गौ नन्दी भण्डारे का आयोजन किया है। उन्होनें यह भी कहा कि इस तरह के भण्डारे निरंतर होने रहने चाहिए, जिससे लोग गौ और नन्दी का महत्व समझकर और गौ संबर्द्धन एवं संरक्षण हेतु प्रयास करते रहे। इस अवसर पर गौ भक्तों से लोकसभा 2014 के होने वाले चुनाव में अधिक से अधिक मतदान करने की अपील के साथ-साथ स्वच्छ प्रत्याषियों को मतदान करने की अपील की।
गौ-नंदी भण्डारे में विषेश तौर पर पधारे गौ कथाकार प्रभाकर दत्त जी महाराज ने गौ-भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि गौमाता में 33 करोड़ देवी-देवता का वास है, अतः हम सभी को गौ माता को झूठा भोजन नहीं देना चाहिए। उन्होनें यह भी कहा कि गौमाता और जननी मां दोनों के दूध में एक ही तत्व है लेकिन वर्तमान में बच्चों को दोनों ही प्रकार का दूध मिलना दुर्लभ हो गया है जिससे बच्चों में संस्कारों की कमी हो गयी है। इसी अवसर पर आचार्य चन्द्रभूशण तिवारी पर्यावरण संरक्षक जो अभी तक 86000 पेड़ लगा चुके है उन्होनें षहजन वृक्ष का विषेश महत्व बताया और वृक्ष संरक्षण हेतु आह्वान किया।
गौ-नन्दी भण्डारे
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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