राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को मोटी तनख्वाह देती है ताकि कर्मचारियों को कोइ परेषानी ना हो और वे जनता की सेवा मनोभाव से कर सके लेकिन बेली अस्पताल मे तो नजारा इसके विपरीत ही नजर आ रहा है। यहा पर तैनात मैट्रेन के दुव्र्यवहार से मरीज,मरीजों के तीरमदारों से लेकर यहा पर तैनात अन्य कर्मचारी भी परेषान व पीडित हैं। अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने नाम न छापने की ष्षर्त पर बताया की मैटे्रन अक्सर उनके साथ अमर्यादीद तरीके से पेष आती हैं और अपषब्दों प्रयोग करती है अगर इसका विरोध या जवाब देते है तो सीधे सी.एम.एस. से झूठी षिकायत करने की धमकी देती रहती है, नौकरी का सवाल है सो हमे चुपचाप सुनना पडता है क्यों की उच्च अधिकारी भी मैट्रेन की ही सुनते है। बेली अस्पताल में कार्यरत एक चतुर्थ कर्मचारी ने बताया की उक्त मैट्रेन बहुत ष्षोसण करती है,दुसरो के सामने जलील करना उसकी आदत बन गई है। वही प्रत्येक वार्ड के कई मरीजों व उनके तिमारदारों ने भी बताया की मैट्रेन का रवैया ठीक नही है। बेली अस्पताल के कर्मचारी मैट्रेन के इस रवैये से नाखुष व परेषान है और अन्दर ही अन्दर द्युट रहे है क्यो की नौकरी का सवाल है खुल कर कुछ कह भी नही सकते और उच्च अधिकारी आखें बन्द किये पडे हैं। न्यू ब्लाक वार्ड के सिस्टर इन चार्ज का भी रवैया मरीजों और वहां कार्य कर रही स्टाप नर्सो के साथ ठीक नही है। जिस अस्पताल के मैट्रेन से वहां के कर्मचारी इस हद तक परेषान हैं वहा मरीज व उनके तीमारदारो का क्या हाल होता है आप स्वयम अन्दाज लगा सकते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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