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अच्छे समाज की आधारशिला स्कूल में ही रखी जाती है — प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी

Posted on 04 April 2014 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, चैक कैम्पस द्वारा सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में आयोजित डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स में अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि समाज में धर्म-जाति के नाम पर हो रही मारामारी तथा आपाधापी से उत्पन्न बुरी स्थिति के लिए सामान्यतया लोग राजनेताओं तथा धर्मगुरूओं पर दोष मढ़ते पाये जाते हैं। ये सभी बचपन में पढ़ने के लिए किसी न किसी विद्यालय में अवश्य गये होंगे। स्कूल ने बचपन से जैसे संस्कार एवं विचार दिये हंै, बालक वैसे बन गये? बालक को अच्छा या बुरा बनाने की असली जिम्मेदारी तो हम स्कूल वालों की ही बनती है। हम स्कूल वाले इस भूल के लिए इसलिए दोषी हैं क्योंकि हमने यह क्यों नहीं बताया कि ईश्वर एक है, धर्म एक है, मानव जाति एक है। यह सारी धरती हमारी माता है। परमात्मा हमारा पिता है। सभी धरती वासी हमारे कुटुम्ब के सदस्य हैं। हमें अपने परिवार के सदस्यों के रूप में भेदभाव रहित होकर उनकी सेवा करनी चाहिए। इस प्रकार एक स्वस्थ तथा अच्छे समाज की नींव (आधारशिला) स्कूल में रखी जाती है।
इससे पहले ‘‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’’ का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन एवं सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत से सभी दर्शकों एवं अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिंतन, विश्व की सेवा के लिए तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने सारगर्भित विचार प्रकट किये। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर सी.एम.एस. चैक कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती साधना बेदी ने छात्रों एवं अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा को नये-नये समाजोपयोगी आविष्कारों, व्यक्ति की असीम मानवीय क्षमताओं का सम्पूर्ण विकास एवं विश्व समाज की उत्कृष्ट सेवा की वचनबद्धता की महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। बालक के चरित्र निर्माण तथा बौद्धिक क्षमताओं के विकास की दोहरी जिम्मेदारी पूरे समाज की है जिसमें माता-पिता, दादा-दादी तथा पड़ोसी भी शामिल हैं। व्यापक परिवार तथा आत्मीयता से ओतप्रोत समाज को बालक के चरित्र निर्माण के लिए एक स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना चाहिए। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास कर ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बनाने को दृढ़-संकल्पित है तथा इसी उद्देश्य को लेकर यह आध्यात्मिक शिक्षा सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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