भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी पर जाति और मजहबी धु्रवीकरण में जुटने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा अयोध्या को कलंक की नगरी कहने वाले माफी मांगे। अयोध्या से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, आस्था के केन्द्रों के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं है। नरेन्द्र मोदी राजनाथ सिंह के कार्यक्रमों को भी आज अंतिम रूप दिया गया।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा फैजाबाद दंगे हो या फिर मुजफ्फरनगर दंगे इन दंगों की सजा न देने का आग्रह करते हुए आजम खां आखिर मतदाताओं को ही धमकाने पर क्यों उतर आये? दंगों के लिए समाजवादी पार्टी और उसकी नीतियां जिम्मेदार है। दंगे हुए ही क्यों और यदि वे रोक पाने मे नाकामयाब हुए तो उसकी सजा तो जनता देगी। सजा लायक काम ही क्यों किया फिर आप कह रहे है कि यदि आपने सजा दिया तो हमे नही आप अपने आपको सजा देंगे, क्यों धमका रहे है ? आखिर सरकार की लापरवाही से मुजफ्फरनगर मे जो मौते हुई जो जानमाल का नुकसान हुआ उसके लिए समाजवादी पार्टी की नीतियां ही तो जिम्मेदार है। फिर लापरवाही नही बरती गई होती तो मुजफ्फरनगर में जो कुछ हुआ उससे बचा जा सकता था। दरअसल यह सपा सरकार के कबीना मंत्री आजम खां सरकार की विफलताओं और जर्जर कानून व्यवस्था से ध्यान हटाने के लिए सपा की पुरानी साम्प्रादायिक राजनीति है। वह यह भूल रहे हैं कि उनकी दो वर्ष की सरकार में दंगें, बलात्कार, हत्यायें, सरकार की उपलब्धि है। जिसके कारण प्रदेश जंगलराज का वातावरण है। अब चुनाव प्रचार में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी के बारे में अनर्गल प्रलाप हो रहा हैं। प्रदेश में धर्म की राजनीति करने से बाज नही आ रहे है। कंाग्रेस से साठगांठ करके धर्म की राजनीति करने वाले आजम खां और इनके मुख्यमंत्री को जनता इस चुनाव में सबक सिखायेगी।
उन्होने कहा निर्वाचन आयोग प्रचार के दौरान लागतार असंयमित और अर्मायादित भाषा के प्रयोग को स्वतः संज्ञान में ले। मजहबी आधार पर प्रचार में जुटे सपाई येन-केन-प्रकाणेन चुनाव में धु्रवीकरण में जुटे हुए है और उसी धु्रवीकरण की रणनीति के तहत मजहबी आधार पर प्रचार प्रसार की कवायद की जा रही है। गुजरात माॅडल की आलोचना में जुटे समाजवादी के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दुग्ध विस्तार योजना के लिए गुजरात की अग्रणी कम्पनी अमूल ही मिली, ड्रीम प्रोजेक्ट लायन सफारी के लिए शेर मिला वह भी गुजरात से। उत्तर प्रदेश सरकार के काम काज पर हाल ही मंे माननीय उच्चतम न्यायलय की मुजफ्फनगर दंगे पर की गयी टिप्पणी अखिलेश के समाजवादी माडल को आईना दिखाती है। अखिलेश यादव को नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
श्री पाठक ने कहा दो वर्ष सरकार को हो चुके है पर विकास का माडल का सच यह है कि राष्ट्रीय राज्य मार्गाे केखस्ता हाल के लिए चिट्ठी भी सरकार तब लिखती है जब वित्तीय वर्ष समाप्ती की ओर है। चुनाव के दौरान देश भर का मीडिया उत्तर प्रदेश के विकास के सच को देख रहा है और सवाल खड़े कर रहा है।अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने के आदती समाजवादी पार्टी ने इसके लिए भी चिट्ठी पत्री का सहारा ले लिया, अब सड़कों की खस्ता हालातों के लिए कौन जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा अखिलेश के विकास माॅडल का सच यही है कि उनके ही मुखिया कहते है कि अखिलेश सरकार की वजह से पार्टी कमजोर हो रही है। स्वाभाविक है पार्टी कमजोर हो रही है और पार्टी ही चुनाव मैदान में है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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