Categorized | लखनऊ.

मुबारक मंडी परिसर का लौटता वैभव

Posted on 01 April 2014 by admin

मध्यकालीन विशाल मुबारक मंडी महल परिसर जम्मू शहर के प्राचीनतम इलाके में स्थित है। इस महल में बेहतरीन शिल्पकारी की मिसाल के तौर पर कईं सुंदर और उत्कृष्ट इमारतें हैं। महल का वास्तु अत्यलंकृत यूरोपीयए मुगल और राजस्थानी शैली से लिया गया है जो विभिन्न संस्कृतियों के अनूठे संगम को पेश करता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि प्राचीनतम ढ़ांचे का निर्माण वर्ष 1800 की शुरूआत में हुआ था। यह महल डोगरा राजवंश के शासकों का शाही निवास था। तवी नदी के तट पर खड़े इस महल से नदी का प्रभावशाली नजारा दिखता है।
प्रांगण के चारों ओर यह परिसर कई निर्माण समूहों का एक समिश्रण है। डोगरा शासकों के वारिसों ने इन इमारतों की संख्या में बढ़ोत्तरी की है। माना जाता है कि यह महल 1925 तक डोगरा शासकों का मुख्य केन्द्र था। महल के गलियारों के शाही कार्यक्रम और समारोहों का आयोजन किया जाता रहा होगा। समय बीतने के साथ परिसर पूरी तरह शाही सचिवालय बन गया था। हाल ही के समय तक इस परिसर का उपयोग सरकारी कार्यालयों के रूप में होता रहा थाए जिसमें उच्च न्यायालयए लोकसेवा आयोग सहित दूसरे विभाग भी शामिल थे। अब कार्यालयों को दूसरी जगह स्थापित किया गया है और अधिकारियों ने मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।
वर्तमान में इसका एक भाग पिंक हॉल के रूप में भी जाना जाता है जो डोगरा कला संग्राहालय है। यहां पर अमूल्य कलाकृतियां और लेख प्रदर्शित किये गये हैं जिसमें सम्राट शाहजहां की सुनहरी प्रतिमा भी शामिल है।  पूरे परिसर की जीर्ण अवस्था के बावजूद परिसर की भव्यता और विशालता आगन्तुकों को लुभाती है।
इन ऐतिहासिक इमारतों के लेखागार और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए निरंतर बढ़ती मांग और इसके लिए उठती आवाजों के बाद मुबारक मंडी धरोहर परिसर के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इस परिसर के पुराने वैभव की पुनर्बहाली और इसके मौलिक वास्तु स्वरूप को स्थापित करने के लिए इसके संरक्षण और मरम्मत का काम शुरू हो चुका है।
शहर की घनी आबादी में स्थित होने के कारण इस नाजुक परिसर के सामने कई समस्याएं आई। इसके अतिरिक्त प्रदूषण भी इस धरोहर ढ़ांचे को हानि पहुंचा रहा है।
लौटता गौरव
राज्य  पर्यटन और संस्कृदति मंत्रालय के अनुसार 13वें वित्तए आयोग ने इस धरोहर परिसर के जीर्णोद्धार के लिए धन देने की सिफारिश की थी। इसके बाद चार इमारतों की पहचान की गई और राज्य  स्तनर की निगरानी समिति से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना सरकार को सौंप दी गई। यदि इस योजना को उचित ढंग से अमल में लाया गया तो आने वाले समय में इस परिसर की गणना श्रेष्ठा इमारतों में होगी।  इसके कुछ हिस्सों  का न केवल जीर्णोद्धार किया जायेगा बल्कि इसका कई तरह से इस्तेममाल हो सकेगा जिससे इसके रख.रखाव के लिए आमदनी जुटाने के अवसर मिलेंगे। रख.रखाव करने और आमदनी का जरिया बनाने के साथ.साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धरोहर होटलों की स्थाीपना के बारे में विचार.विमर्श किया जा रहा है। इस बारे में अंतिम फैसला करना बाकी है।
इस परिसर को फिर से जीवंत करने के प्रयास में राज्यस सरकार ने मुबारक मंडी से बाग़.ए.बहु के बीच 40 करोड़ रूपये की रोपवे परियोजना शुरू की है। मुबारक मंडी रोपवे के पूरा होने पर मंदिरों की नगरी में और पर्यटक आकर्षित होंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in