वीरांगना अवंतिबाई लोधी सेना की तरफ से पश्चिमपुरी मैं नव संवत्सर का पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने इस मौके पर एक.दूसरे को नए संवत की टीका लगाकर और पुष्प भेट कर बधाई दी। और फिर इसके बाद नवसंवत्सर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी मैं नवनिर्मित संगठन वीरांगना अवंतिबाई लोधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रहमानंद राजपूत ने कहा कि जापानए चीन व ईरान जैसे देश अपना नववर्ष मना सकते हैं। तो हम भारतवासी अपने स्वदेशी पंचांग के अनुसार नव वर्षोत्सव क्यों नहीं मना सकते। जरूरत है युवाओं को इसके प्रति जागरूक करने की। उन्होंने कहा कि जब हमारे धार्मिक अनुष्ठानए मांगलिक कार्यए व्रत.उपवासए विवाहए व्यापारिक कामकाज सब भारतीय पंचांग के अनुसार करते हैं। ऐसे में नव संवतसर को नए साल के तौर पर क्यों नहीं मनाया जा सकता।
इसके अलावा वीरांगना अवंतिबाई लोधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रहमानंद राजपूत ने कहा कि सभ्यताओं को संघर्ष से नहीं जीता जा सकताए न ही शक्ति के बल बूतेए ये भारत ही हो सकता है जहां कई सारे संवत और कलेंडर प्रचलित हैं। अनेक परंपराओं वाले इस देश में एक भी कलेंडर अपने आप में पूरा नहीं है। उन्होंने भारतीय नव वर्ष को हिंदू नव वर्ष जैसी उपमा देना बहुत चिंताजनक बतायाए इसके अलावा उन्होंने कहा की भौतिकता के साथ ही मानसिक रूप से भी भारत ने प्रगति की हैए हमारे देश में भौतिकता के साथ आध्यात्म का समन्वय बेहद बेजोड हैए ये ही हमारे भारतीय नवजागरण का सबसे बडा मूल्य साबित हुआ है।
इसके साथ ही ब्रज लेजर के डायरेक्टर पवन राजपूत इस मौके पर कहा कि हमारे राष्ट्र में भाति.भाति के जाति और व्यवसायिक वर्ग हैं उनके लिए इस वर्ष का अलग.अलग अर्थ रहा हैए मगर वैश्विक रूप से चिंतन करें तो बात शक्तिशाली होने से जुड़ी है जो आर्थिकए सांस्कृतिक रूप से बडा हैए सभी उसकी ही बात मानते हैंए उसके ही रंग में सभी डूब रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि हम भी अपनी सांस्कृतिक परंपरा को ढंग से अपनी संतानों में उड़ेल पाएं।
दुष्यंत राजपूतए मोरध्वज राजपूतए विष्णु लोधीए मुकेश लोधीए राकेश राजपूतए दीपक लोधीए लोकेन्द्र लोधीए नीतेश राजपूतए दिनेशए भूरीसिंहए जीतेन्द्र लोधीए राजवीर सिंहए राहुल लोधी सहित समाज के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और महिलाओं की भी भागीदारी रही
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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