लोकसभा चुनाव इस समय काफी दिलचस्प होता जा रहा है। सुलतानपुर लोकसभा 38 का चुनाव अहमियत जनपद में वरूण गाॅधी का चुनाव लड़ना भी है। वहुत वर्षों से उपेक्षित रहा जनपद सुलतानपुर लोकसभा सीट वरूण गाॅधी के चुनावी मैदान में आने से भारत में वर्ष में पुनः काफी चर्चित हो गया है। पूर्व में जनपद में दो संसदीय लोक सभा सीट होती थी परन्तु इस वर्ष के लोकसभा चुनाव में जिले का बॅटवारा हो जाने से एक मात्र संसदीय क्षेत्र का रह गया है। 2009 के लोक सभा चुनाव में मायावती सरकार द्वारा छत्रपति ष्षाहू जी महराज के नाम से सुलतानपुर की तीन तहसील मुसाफिरखाना, गौरीगंज तथा अमेठी और रायबरेली जनपद की दो तहसील जायस व सलवन को मिला कर छत्रपति
षाहू जी महराज जनपद का गठन हुआ । परन्तु अखिलेष की सपा सरकार ने नामकरण बदलते हुए अमेठी कर दिया। जनपद सुलतानपुर गाॅधी परिवार का कोई सदस्य 1977 में अपना चुनावी क्षेत्र बनाया। वरूण गाॅधी के पिता स्व0 संजय गाॅधी सर्व प्रथम 1977 का चुनाव अमेठी संसदीय क्षेत्र से लड़ा और नामाकंन करने सुलतानपुर जनपद मुख्यालय आये। परन्तु वह चुनाव भाजपा प्रत्याषी स्व0 रवीन्द्र प्रताप सिंह से हार गये थे। परन्तु दुबारा उपचुनाव में संजय गाॅधी चुनाव लड़े और विजयी हुए। तब से लेकर आज तक जनपद गाॅधी परिवार से जुडा़ रहा। परन्तु 2014 के लोकसभा चुनाव में सुलतानपुर को गाॅधी परिवार का दूसरा नया चेहरा वरूण गाॅधी के रूप में मिल गया। संजय गाॅधी की विमान दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु हो जाने के पष्चात भारत की पूर्प प्रधानमंत्री स्व0 इन्दिरा गाॅधी ने राजनीत से कोसों दूर राजीव गाॅधी को संजय गाॅधी की भरपाई करने के लिए अमेठी सौंप दिया। और वे चुनाव जीते तथा श्रीमती गाॅधी की हत्या के बाद राजीव गाॅधी देष के प्रधानमं.ी भी बने और भारत को तकनीकी तथा कम्यूटर की दुनिया में आगे बढ़ाया। स्व0 संजय गाॅधी की पत्नी मेनका गाॅधी से अनबन होने के कारण वे संजय विचार मंच कें नाम से पार्टी गठित की तथा अमेठी को ही कर्मभूमि माना तथा चुनाव लड़ा। परन्तु वह चुनाव हार गई थी। उस समय वरूण गाॅधी वहुत छोटे थे। कहने का आषय यह है कि लगभग 40 वर्षों से सुलतानपुर में अमेठी का भी जिले का दूसरा संसदीय क्षेत्र हाने के कारण गाॅधी परिवार को नामांकन करने के लिए जनपद सुलतानपुर आना तथा भारत की राजनीति में सुर्खियों में बना रहता था। 2009 के बाद सुलतानपुर से अमेठी का अलग हो जाना सुलतानपुर का एक हाथ कट जाने के समान हो गया और लगने लगा कि सुलतानपुर जनपद अब गाॅधी परिवार से दूर चला गया। परन्तु 2014 में वरूण गाॅधी का भाजपा से सुलतानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना जनपद वासियों में पूनः अपने को अनसे जुड़ता देखने लगा है। वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी से वर्तमान सांसद की पत्नी अमिता सिंह, सपा से षकील अहमद तथा बसपा से पवन पाण्डेय चुनाव लड़ रहे है। स्व0 संजय गाॅधी के समय से जुड़े नेता जो खाटी के कांगे्रसी नेता भी स्व0 संजय गाॅधी के पुत्र और दनकी विरासत को सम्हालने आये वरूण गाॅधी को अपना समझ कर उनके साथ बैक डोर से लग गये है। कुछ पुराने और वरिष्ठ कांगे्रसियों से राय सुमारी की गई तो उनका कहना है कि अभी तो हम लोग खुल कर सामने नहीं आ रहे हैं परन्तु जैसे और जब भी हमारी आवष्यकता वरूण गाॅधी को पड़ेगी जो उनकी जानकारी में भी है हम सभी उनके साथ खुलकर सभी के सामने आ जायेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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