समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लोकसभा चुनावो में समाजवादी पार्टी की बढ़त देखकर विपक्षी खेमो में हलचल मची हुई है। वाराणसी और लखनऊ में बड़ा दांव चलाने की भाजपा की साजिशों को वहां की स्थानीय जनता ने ही व्यर्थ करने की ठान ली है। भाजपा में जिस तरह से अंतर्कलह मची है उससे घर-घर भेदी वाली हालत पैदा हो रही है।
विकास की बात करनेवाले अब अपने मूल चरित्र सांप्रदायिकता पर उतर आए हैं। मुजफ्फरनगर की घटना के आरोपियों को भाजपा का प्रत्याशी बनाकर साबित कर दिया गया है कि वह दंगा फसाद और सांप्रदायिक विद्वेष की राजनीति को बढ़ावा देनेवाली पार्टी है। धर्म की आड़ में राजनीति करनेवाले भाजपा नेताओं ने पहले हर-हर महादेव के नारे के साथ खेल किया और अब पोस्टर छापकर दुर्गाजी से संबंधित श्लोक में मोदी का नाम डालकर उन्हें देवता बनाने का अशोभन, अवांछित और अत्यन्त गर्हित प्रयास किया है। चुनाव आयेाग को धार्मिक प्रतीकों के दुरूपयोग तथा किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करनेवाले प्रचार का संज्ञान लेना चाहिए।
लगभग 20 करोड़ की उत्तर प्रदेश की जनता को 6 करोड़ की आबादी का गुजराती माडल लुभा नहीं सकता है। यह तो साबित ही हो चुका है कि गुजरात के मुकाबले खाद्य उत्पादन, दुग्ध उत्पादन तथा प्रतिव्यक्ति आय में उत्तर प्रदेश आगे है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जो योजनाएं लागू की है उनकी दूसरे सूबो की सरकारें नकल भी नहीं कर पा रही है। इसलिए उत्तर प्रदेश की जनता मोदी सिंडीकेट के बहकावे में नही आनेवाली है। जब मोदी अपने गुजरात में ही स्वीकार्य नहीं है तो उत्तर प्रदेश में उनकी लहर या आंधी कहां से दिखाई देगी। हां, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की यह बात जरूर सच होगी कि मोदी की आंधी नहीं, तूफान चल रहा है। तूफान हमेशा विध्वंस और विनाश ही लाता है। भाजपा इस तूफान में फंसकर अपना सब कुछ लुटा देगी।
कांग्रेस-भाजपा और बसपा ये तीनों दल एक गहरी साजिश के तहत उत्तर प्रदेश में एक होकर समाजवादी पार्टी पर हमलावर हो रहे हैं। कांग्रेस भाजपा की नीतियां एक जैसी हैं और दोनों के शासनकाल में ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया था। बसपा भाजपा की बी टीम की तरह काम करती है जिसकी अध्यक्षा स्वयं मोदी के पक्ष में प्रचार करने गुजरात गई थीं। सुश्री मायावती ने खुद ही माना है कि भाजपा के सहारे ही बसपा की तीन बार सरकारें बनी थी। इन दलों की करतूतो से वाकिफ उत्तर प्रदेश की जनता अब किसी भुलावे में नही आनेवाली है। वह श्री मुलायम सिंह की कल्याणकारी नीतियों तथा श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार की उपलब्धियों के प्रति गहरा विष्वास एवं भरोसा रखते हुए सन् 2014 में लोकसभा में भारी जीत सुनिश्चित करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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