बच्चे का जन्म स्वार्थ सिद्धि के लिए नहीं, अपितु परमार्थ के लिए हुआ है। बच्चे तो परमात्मा के आज्ञाकारी पुत्र अर्थात युवराज बनकर इस संसार की सेवा करने के लिए पैदा हुए है। उक्त विचार सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने आज यहाँ अलीगंज (प्रथम कैम्पस) द्वारा सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। आगे बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि यदि बालक में निर्धारित लक्ष्य को तनावरहित होकर धैर्यपूर्वक एवं कठोर परिश्रम के द्वारा अर्जित करने की क्षमता विकसित नहीं होगी तो वह जीवन में कभी भी पूर्णतया सफल व्यक्ति नहीं बन सकता है। जीवन की पाठशाला में अनेक फैसले हमेशा दूसरों के सहारे से नहीं वरन् स्वयं करने पड़ते हैं। किसी कार्य को करने के पूर्व उसके अन्तिम परिणाम पर स्वयं धैर्यपूर्वक विचार कर लेना चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।
इससे पहले सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के तत्वावधान में ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में बहुत ही उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ तथापि समारोह में बड़ी संख्या में अभिभावकों की भागीदारी ने स्कूली प्रक्रिया में अभिभावकों को साझीदार बनाने के सी.एम.एस. के प्रयास को सफल बना दिया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत से सभी दर्शकों एवं अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिंतन, विश्व की सेवा के लिए तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने सारगर्भित विचार प्रकट किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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