बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कहाकि मुजफ्फरनगर/शामली साम्प्रदायिक दंगा और फिर उसमें लोगों के जान-माल व मजहब की भारी हानि रोक पाने में सपा सरकार की घोर विफलता अब माननीय न्यायालय में भी साबित हो जाने के कारण अखिलेश सरकार को तुरन्त इस्तीफा दे देना चाहिए, और ऐसा नहीं करने पर केन्द्र सरकार को चाहिये कि वह इस सपा सरकार को तुरन्त बर्खास्त करे। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के नजदीक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घटित इस भीषण साम्प्रदायिक दंगे के सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय का आज का फैसला आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहाकि बी.एस.पी. का यह आरोप अब यह पूरी तरह से साबित हो गया है कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार गुण्डों व माफियाओं की सरकार तो है ही, जिस कारण यहाँ पूरे तौर पर ’’जंगलराज’’ व्याप्त है। साथ ही, सपा और भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत के कारण साम्प्रदायिकता भी यहाँ काफी ज्यादा चरम सीमा पर है, जिस कारण इस सपा सरकार के अब तक के दो वर्षों के शासनकाल के दौरान काफी बड़ी संख्या में छोटे-बड़े साम्प्रदायिक दंगे हुये और इसी साजिश के तहत् मुजफ्फरनगर/शामली का भीषण साम्प्रदायिक दंगा भी हुआ जिसमें लोगों के जान-माल की काफी बड़ी हानि हुई और करीब 60 हजार से ज्यादा लोग बेघरबार होकर अपने ही क्षेत्र में शरणार्थी बनने को मजबूर हुये। इतना ही नहीं, इस सपा सरकार ने दोषी लोगों को कड़ी सजा दिलाने में भी पूरी तरह से विफल रही, जिससे सपा सरकार की भाजपा के साथ मिली-भगत की जोरदार पुष्टि होती है, और यह पीडि़त लोगों को न्याय दिलाने के बजाय उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।
सुश्री मायावती जी ने कहाकि माननीय सुप्रीम कोर्ट की सपा सरकार को यह फटकार भी स्वागतयोग्य है कि दंगा प्रभावित परिवारों को अनुग्रह राशि देने से अपराध की गंम्भीरता कम नहीं हो जाती है। सपा सरकार की साम्प्रदायिक दंगा रोकने की मंशा ही नहीं थी, वरना इतने बड़े पैमाने पर लोगों के जान-माल की हानि हो ही नहीं सकती थी। इतना ही नहीं बल्कि अस्थाई शारणार्थी शिविरों पर बुल्डोजर चलाकर भी इस सपा सरकार ने गैर-इंसानियत का काम किया। साथ ही, इस पर सरकार की लापरवाही व आपराधिक कृत्य के कारण शिविरों में पैदा हुये लगभग 50 नवजात बच्चों की मौतें भी हुयी, जिस सबका कलंक इस सपा सरकार के सर है, जो आज माननीय न्यायालय में भी साबित हो गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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