‘डिवाइन एजुकेशन’ से ही हम बच्चों का सर्वांगीण विकास कर सकते हैं। अतः विद्यालयों में प्रार्थना अनिवार्य रूप से होनी चाहिए एवं घरों में भी ईश्वरमय वातावरण होना चाहिए तभी हम शिक्षक, अभिभावक व विद्यालय तीनों मिलकर बच्चों को सही रास्ते पर ले जा सकते हैं। उक्त विचार सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने व्यक्त किए। डा. गाँधी आज सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आनन्द नगर कैम्पस द्वारा सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे। आगे बोलते हुए डा. गाँधी ने कहा कि उद्देश्यपूर्ण शिक्षा का मनुष्य के ऊपर व्यापक प्रभाव होता है। सी.एम.एस. अपने छात्रों को व्यापक तथा समाजोपयोगी ज्ञान को अर्जित करने के लिए प्रेरित करता है तथापि उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है, जिससे मानव जाति अच्छे परिणामों का लाभ प्राप्त कर सके। डा. गाँधी ने कहा कि संसार में अत्याचार, अन्याय, अधर्म, अनियमितता और अव्यवस्था का मूल कारण लोगों में ईश्वरीय आस्था का अभाव तथा अशिक्षित होना ही हैं।
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आनन्द नगर कैम्पस द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन आज सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के मेधावी छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अनेक शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की ऐसी इन्द्रधनुषी छटा प्रस्तुत की कि दर्शक व अभिभावक मंत्रमुग्ध हो गये। समारोह में विद्यालय के छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिंतन, विश्व समाज की सेवा तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने सारगर्भित विचारों से अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया तथापि विद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही नैतिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक शिक्षा का शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।
अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. आनन्द नगर कैम्पस की प्रधानाचार्या सुश्री रीना सोटी ने कहा कि यदि समाज में सार्थक और स्थायी परिवर्तन उत्पन्न करना है तो शिक्षा को सामाजिक विकास से जोड़ना ही होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य के लिए उसके अंदर छिपी शक्तियों तथा क्षमताओं को विकसित करना है, ताकि वह अपने हिस्से का योगदान आधुनिक मानव सभ्यता के विकास के लिए दे सकें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ बच्चों में निहित क्षमताओं को विकसित करने एवं आध्यात्मिक, सामाजिक तथा भौतिक ज्ञान से परिपूर्ण ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बनाने में मददगार साबित होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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