कुण्डा बूथ कैपचरिंग प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल। सुनवार्इ 26 मार्च को प्रात: 10.15 बजे : दूषित निर्वाचन निरस्त कर पुनर्मतदान की तिथि घोषित करने की माँग :
कुण्डा तहसील के चारो मतदान केन्द्रो यथा कुण्डा, कालाकांकर, बाबागंज व बिहार में बूथ कैप्चरिंग की खबरों की पुषिट, निर्वाचन के उपरान्त निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आकड़ो से होने के बाद भी निर्वाचन रदद कर पुनर्मतदान की तिथि न घोषित होने पर विधान परिषद स्नातक निर्वाचन, लखनऊ खण्ड के प्रत्याषी इं0 ओम प्रकाष पाण्डेय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्ड पीठ में आज याचिका दाखिल कर दी है।
माननीय उच्च न्यायालय ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए प्राथमिकता पर इसकी सुनवार्इ का निर्णय लेते हुए 26 मार्च को प्रात: 10.15 बजे सुनवार्इ का समय निषिचत किया है। रिट में निम्नलिखित तथ्य सामने लाया गया है :-
स्नातक चुनाव में सामान्यतया 40 प्रतिषत मतदान हुआ है जबकि कुण्डा तहसील के चारों मतदान केन्द्रों पर क्रमष: कुण्डा में लगभग 93 प्रतिषत, बाघराय में लगभग 87 प्रतिषत कालाकांकर में लगभग 85 प्रतिषत, बाबागंज में लगभग 79 प्रतिषत हुआ है।
उपरोक्त चारो बूथो पर बड़े पैमाने की गड़बड़ी तथा फर्जी वोटिंग हुयी है जिसके कारण मतदान प्रतिषत आष्चर्यजनक रूप से इतना अधिक हुआ है।
इलेक्षन कमीषन द्वारा करायी गयी वीडियोग्राफी के परीक्षण द्वारा उपरोक्त गड़बडि़याँ एवं फर्जी मतदान की पुषिट की जा सकती है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 58 (1) के अनुसार बूथ कैप्चरिंग की सिथति
प्रत्याषी तथा उसके इलेक्षन एजेण्ट द्वारा उपरोक्त गड़बडियों की सूचना रिटर्निगं आफीसर तथा चुनाव आयोग को मौखिक तथा लिखित रूप से दी गयी थी।
याचिका में कहा गया है कि रिटर्निंग आफीसर लखनऊ मण्डल के आयुक्त है तथा जिला अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भी राज्य सरकार की कृपा पर तैनात है अत: उनके निष्पक्ष जाँच सामान्यतया सम्भव नहीं है।
सूचना मिली है कि बूथ कैप्चरिंग समाजवादी पार्टी की प्रत्याषी श्रीमती ज्योत्सना श्रीवास्तव के पक्ष में की गयी है जिनके पति इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक है, अत: जबतक इलेक्षन कमीषन के अधिकारियों द्वारा जाँच न की जाय तबतक सत्य के बाहर आने की सम्भावना क्षीण है
उल्लेखनीय है कि कुण्डा में बूथ कैप्चरिंग की सूचना मोबाइल पर लगभग 1.30 बजे रिटर्निगं अधिकारी एवं निर्वाचन आयोग को दे दी गयी थी तथा लगभग 2:30 बजे निर्वाचन आयोग सहित रिटर्निंग अधिकारी एवं जिला प्रषासन को लिखित में दी गयी थी, परन्तु निर्वाचन आयोग द्वारा अबतक पुनर्मतदान का निर्णय न लिया जाना दुखद है।
इं0 पाण्डेय एवं इलेक्षन एजेण्ट इ0 अख्तर अली फारूकी ने बताया कि जहाँ पूरे प्रदेष में मतदान का औसत 45 प्रतिषत था वहीं कुण्डा तहसील के चार मतदान केन्द्रों का औसत प्रतिषत 90 के आस-पास रहा, इस प्रकार स्पष्ट हो रहा है कि वहां पर 45 प्रतिषत से अधिक मतपत्रों को बल पूर्वक मतपेटी में डाला गया है। इसकी पुषिट स्थानीय नागरिकों से बातचीत के आधार पर की गयी है तथा अनौपचारिक रूप से मतदान कर्मियो ने भी इसकी पुष्टी की हैं।
उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी श्री उमेष सिन्हा से माँग की है कि उपरोक्त मतदान केन्द्रों की वीडियो रिकार्डिंग सार्वजनिक की जाये तथा दोषी व्यकितयों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये जिससे भविष्य में इसकी पुनरावृतित न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि चुनाव आयोग को यह लगता है कि मतदान प्रतिषत में बढ़ोत्तरी अधिकारियों के महान प्रयासो के कारण है तो भी उनकों वीडियो रिकार्डिंग सार्वजनिक करनी चाहिये जिससे कुण्डा के महान प्रयासों का लाभ पूरा देष उठा सके। कुण्डा तहसील में मतदान प्रतिषत का यह उच्च स्तर मतदान की विष्वसनीयता को संदिग्ध करता है, इन परिसिथतियों में लोकतंत्र की रक्षा के लिए पुनर्मतदान का निर्णय लेने से ही आम मतदाताओं में निर्वाचन आयोग एवं प्रषासन पर विष्वास कायम रह पायेगा अन्यथा प्रषासन की भूमिका संदेहास्पद हो जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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