सिटी मोन्टेसरी स्कूल के विभिन्न कैम्पसों में अध्ययनरत छात्रों, शिक्षकों व कार्यकर्ताओं ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु आज संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित ‘वल्र्ड वाटर डे - 22 मार्च को बड़ी धूमधाम से मनाया एवं समस्त जन-मानस को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। मुख्य समारोह सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय में सम्पन्न हुआ जहाँ सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट व चीफ आपरेटिंग आफीसर प्रो. गीता गाँधी किंगडन समेत कर्इ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अपने सारगर्भित विचारों से जल संरक्षण की महत्ता को उजागर किया। इस अवसर पर इंग्लैण्ड से पधारे प्रख्यात वैज्ञानिक डा. रोजर डेविड किंगडन भी उपसिथत थे।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट व चीफ आपरेटिंग आफीसर प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि पृथ्वी पर जल प्रकृति की सबसे कीमती देन है। इसलिए पृथ्वी पर आने वाली पीढि़यों के जीवन की रक्षा के लिए इसे संरक्षित करने के उपाय करना बहुत आवश्यक है। प्रतिदिन नदियों तथा झीलों का पानी प्रदुषित हो रहा है जो कि मनुष्य के उपयोग के लिए खतरनाक है। जल का एक प्रमुख óोत्र भूमि के अंदर से मिलने वाला पानी है जो कि निरन्तर नीचे गिरता जा रहा है। विश्व की तेजी से बढ़ती जनसंख्या को दृषिट में रखकर देखा जाये तो आने वाले कुछ वर्षों मेें मनुष्य के लिए स्वच्छ जल का मिलना दुर्लभ हो जायेगा।
प्रो. किंगडन ने आगे कहा कि विगत कर्इ वर्षों से सी.एम.एस. ने ऊर्जा तथा जल के संरक्षण पर विशेष ध्यान केनिद्रत किया है एवं इस दिशा में बच्चों में काफी उत्साह है। पर्यावरण, जल संरक्षण व ऊर्जा संरक्षण जैसे विषयों में किशोर व युवा पीढ़ी की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु सी.एम.एस. ने नर्इ दिल्ली के सेन्टर आफ साइन्स एण्ड एन्वारमेन्ट के अन्तर्गत ग्रीन स्कूल प्रोग्राम को अपनाया है, जिसका उददेश्य सी.एम.एस. के 47,000 छात्रों व 3000 शिक्षकों के माध्यम से लखनऊ के 2 लाख से अधिक लोगों को प्रेरित करना है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जल संरक्षण के क्षेत्र में पहल करते हुए सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस में वाटर हारवेसिटंग प्लान्ट की स्थापना की गर्इ है तथापि पर्यावरण, जल एवं ऊर्जा संरक्षण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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