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आज भी साढे सत्तार्इस प्रतिशत महिलायें घरेलू हिंसा का शिकार

Posted on 21 March 2014 by admin

अल्लामा इक़बाल वैलफेयर एण्ड एजूकेशनल सोसायटी बेहट सहारनपुर द्वारा भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा स्वीकृत नर्इ रौशनी योजना के अन्तर्गत हबीबगढ सहारनपुर में चल रहे छ: दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम लीडरशिप ट्रेनिंग फार माइनारिटी वूमेन के अवसर पर महिलाओं को अपने ऊपर सदियों से हो रहे अत्याचारों से बचाने हेतु प्रशिक्षिकाओं ने जागरूक करने हेतु प्रशिक्षार्थियों के समक्ष अपने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रशिक्षिका श्रीमति नसरीन ने कहा कि बडे खेद का विषय है कि इस आधुनिक भारत में आज भी साढे सत्तार्इस प्रतिशत महिलायें घरेलू हिंसा का शिकार हैं। श्रीमति नसरीन ने कहा कि आज भी दहेज प्रथा, बाल विवाह, यौन शोषण, सूनी गोद, कन्या भ्रूण हत्या तथा विधवा शोषण आदि जैसी कुप्रथाएं हमारे समाज को जकडे हुए हैं। श्रीमति नसरीन ने कहा कि आज भी समाज में विधवाओं को उचित सम्मान प्राप्त नही है, उसे पति की यादों के सहारे जीवन गुजारने पर मजबूर किया जाता है। परिवार के लोग सर्वप्रथम तो विधवा को अपने साथ रखना ही नही चाहते यदि वें साथ रहती भी हैं तो उसे घर के शुभ कार्यों से दूर रखा जाता है तथा उसे इस बात के लिये सख्त निर्देश दिये जाते हैं कि वें किसी शुभ काम में हाथ न डाले, किसी से हंसकर बात न करें तथा दूसरे विवाह के विषय में कदापि न सोचें। श्रीमति नसरीन ने कहा कि विधवाओं पर उक्त प्रतिबन्ध अमानवीय है जब भारत सरकार ने सभी महिलाओं को बराबर का सम्मान और बराबर के अधिकार दिये हैं, तब आज के युग में इस प्रकार की कुप्रथा के क्या मायने हैं। श्रीमति नसरीन ने कहा कि हमारी महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना पडेगा तथा संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों को पहचान कर हमारी महिलाओं को इन समस्याओं से ऊपर उठना होगा तथा इन कुप्रथाओं को दूर करने एवं कराने हेतु कानून का भी सहारा लेना पडेगा। श्रीमति नसरीन ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सैंकडों महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति तथा संविधान मेंं प्राप्त अधिकारों के प्रति उन्हे सचेत करते हुए कहा कि हम सबको अपने भविष्य के लिये मिलजुलकर हिम्मत जुटानी पडेगी तथा इन कुप्रथाओं का समापन करना हम सबका कर्तव्य होगा। इधर गत 6 दिन से हयात कालोनी में चल रहे प्रशिक्षण शिविर को सम्बोधित करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग की बीआरसी श्रीमति बाला देवी ने कहा कि महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक होना पडेगा। श्रीमति बाला देवी ने कहा कि अनपढ महिलाएं अपने परिवार के लिये अंधकार की मानिन्द हैं। जबकि पढी लिखी महिलाएं अपने परिवार को प्रकाश उपलब्ध कराती हैं। तथा आसपास के क्षेत्र को पढी लिखी महिलाएं अपनी योग्यता एवं गुणों से प्रकाशमय बना देती हैं। श्रीमति बाला देवी ने कहा कि अगर घर की महिला शिक्षित है तो वह अपने बच्चों को अवश्य शिक्षित करेगी तथा शिक्षा के कारण ही उसका परिवार सही मार्ग पर चलेगा और शिक्षित महिला का परिवार ही विकास की ओर कामजन रहते हुए अन्य महिलाओं को भी शिक्षित करने का अहम काम अन्जाम देगा। श्रीमति बाला देवी ने लाभार्थियों को सरकार द्वारा महिला शिक्षा हेतु चलार्इ जा रही समस्त योजनाओं की जानकारी दी तथा साक्षर भारत मिशन एवं सर्वशिक्षा अभियान के विषय में भी उन्होने सभी महिलाओं को विस्तार से बताया। इस अवसर पर प्रशिक्षिका श्रीमति उज़मा फरहत, कुमारी तबस्सुम, कु. नज़राना, कु. नेहा सैनी, श्रीमति सुशीला देवी तथा श्रीमति रेखा काशियान ने उक्त विषय पर अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए उपसिथत महिलाओं को कुप्रथाओं की बुरे प्रभाव से अवगत कराते हुए आज के समय में महिलाओं को जागरूक किया तथा उन्हे विकास हेतु सही दिशा पर चलने का आहवान किया।
इस शानदार कार्यक्रम का संचालन श्रीमति रिहाना हुसैन द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि गत छ: दिवस से जनपद के बहुत से स्थानों पर जारी इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षिकाओं ने अभी तक हजारों महिलाओं को विकास, सुधार, तथा शिक्षा के बाबत जागरूक करने के टिप्स प्रदान किये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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