जनपद न्यायाधीश विजय प्रताप सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से अपील की है कि वह आगामी 12 अप्रैल, 2014 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकतम वादों का निस्तारण कर जनपद के लिए निर्धारित लक्ष्य 22 हजार से भी अधिक वादों का निपटारा करायें और लोगों को सस्ता, सुलभ तथा त्वरित न्याय दिलायें ।
जनपद न्यायाधीश ने बताया कि विगत नवम्बर, 2013 में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के उपरांत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति सर्वोच्च न्यायालय आर0एन0 लोधा द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देशों के अनुसार आगामी 12 अप्रैल को तहसील स्तर से लेकर जनपद न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के स्तर तक लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है।
जनपद न्यायाधीश ने आगरा में संभागीय परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि वह मोटरयान अधिनियम के अधीन किए गये चालानों के अधिकतम प्रकरण इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटायें। इसी प्रकार पुलिस अधिनियम के अंतर्गत किए गये चालान, मनोरंजन कर अधिनियम के अंतर्गत चालान, उ0प्र0 वाणिज्य अधिनियम, चलचित्र अधिनियम तथा नगर निगम द्वारा किए गये चालान भी 12 अप्रैल की राष्ट्रीय लोक अदालत के समक्ष अधिकतम संख्या में प्रस्तुत कर उनका निस्तारण कराया जाये। उन्होंने वन अधिनियम तथा विकास प्राधिकरणों द्वारा किए गये चालानों को भी निपटाने के लिए इस अदालत की उपयोगिता पर बल दिया।
जिला जज ने आगरा केन्टूनमेन्ट बोर्ड के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह डयूज रिकवरी के मामले तथा अन्य चालान भी 12 अप्रैल को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रस्तुत कर उनका निपटारा करायें।
उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से भूमि अध्यापित वादों, बैंक वसूली, किरायेदारी, उपभोक्ता फोरम वादों, सेवा निवृतितक परिलाभों संबंधी मामलों सहित ऐसे अन्य मामलों जिनमें पक्षकार सहमत हों के निस्तारण के भी निर्देश दिये। उन्होंने चकबन्दी तथा भू-राजस्व के अधिकांश मामलों को भी इस अदालत के माध्यम से निस्तारित कराने पर बल दिया।
जनपद न्यायाधीश ने दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम तथा टोरन्ट पावर लि0 को भी अपने विभिन्न वादों को इस अदालत के माध्यम से निर्णीत कराने के निर्देश दिए ताकि उपभोक्ता और कंपनी दोनों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि उनका पूर्व का अनुभव यह है कि बैंकों के ऋण वसूली, मोबाइल कंपनियों आदि के अधिकतम मामले लोक अदालत से आसानी से निपटाये जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विभिन्न विभागों से संबंधित अधिकाधिक वादों का चिन्हांकन करते हुए उनके निस्तारण के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए गये हैं। इसी क्रम में चकबंदी आयुक्त उ0प्र0, अभियोजन निदेशालय उ0प्र0 तथा पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 द्वारा भी निर्देश व परिपत्र जारी किए गये हं।
बैठक में राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारीअपर जिला जज जितेन्द्र कुमार सिंह, आर0के0 श्रीवास्तव अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत, राजवीर सिंह सेवा निवृत्त जिला जज,पीठासीन अधिकारी प्री लिटिगेशन, ए0के0 अग्रवाल अध्यक्ष कन्ज्यूमर फोरम-2, शशिकान्त शर्मा पीठासीन अधिकारी लेबर कोर्ट, एडीएम प्रोटोकाल अरूण कुमार हेमचन्द्र गौतम, एआरटीओ,, छावनी परिषद तथा वन विभाग, विधुत वितरण लिमिटेड आदि विभागों के अधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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