Categorized | लखनऊ.

सहारा किसी को भी निवेशकों की गाढ़ी मेहनत की कमार्इ हड़पने नहीं देगा

Posted on 20 March 2014 by admin

सेबी द्वारा यह बेहद भ्रामक खबर फैला दी गर्इ है कि सहारा के निवेशकों का कोर्इ पता नहीं है और नियामक के लिए सहारा के वास्तविक निवेशकों की सेबी द्वारा खोज बेहद महंगी साबित हो रही है। अगले वर्ष यह खर्च इस वित्तीय वर्ष के अनुमानित रळपए 60 करोड़ से ज्यादा भी बढ़ सकता है। आगे यह भी कहा गया है कि सेबी ने उन रळपए 5120 करोड़ के एक भाग को खर्च करने की अनुमति मांगी है जो कि सहाराज़ के द्वारा निवेशकों को वापसी हेतु जमा करवाए गए हैं, जिससे वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने में हो चुके या होने वाले खर्च में इस्तेमाल करना चाहते हैं।
इस समाचार पर सहारा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और अपना यह संशय ज़ाहिर किया है कि सेबी के द्वारा एक बेहद द्वेषपूर्ण व चाल भरा अभियान सोच-समझ कर इस स्पष्ट इरादे से चलाया जा रहा है कि वे सहाराज़ द्वारा केवल और केवल निवेशकों को वापसी के लिए जमा करवार्इ गर्इ राशि में से धन हड़प सकें। एक नियामक के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेबी इस तरह एक ही समय कभी हां, कभी ना कर रहा है। तारीख 13 मार्च, 2014 को सेबी के वकील ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सामने यह तर्क रखा था कि सहारा द्वारा यह इश्यू एक पबिलक इश्यू था जिसमें 3.03 करोड़ निवेशक थे और इस तरह यह एक विशाल इश्यू था और अब सेबी यह याचना कर रहा है कि सहारा के निवेशकों का कोर्इ पता ही नहीं है। हम सेबी से मांग करते हैं कि या तो वे अपने इस तर्क के पीछे के आधार को स्पष्ट करें, या फिर इस वक्तव्य को वापस लें। तथ्य तो यह है कि सेबी ने निवेशकों को करीबन 20 हजार पत्र भेजे और कहा कि उनमें से बहुतों ने जवाब नहीं दिए। हमने तब तुरंत ऐसे बहुत से निवेशकों से शपथपत्र प्राप्त कर सेबी के पास जमा करवा दिए थे। जमा कराए गए कागज़ात में उन लगभग सभी निवेशकों को जिन्हें सेबी ने ये पत्र भेजे थे, से सम्बनिधत शपथपत्र, केवार्इसी कागज़ात और फोटो संलग्न थे। जिन्हें हम धन वापस कर चुके थे, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि उन्हें अपनी निवेशित रकम उनकी पूर्ण संतुषिट से प्राप्त हो गर्इ है।
सेबी का यह दावा कि सहारा के निवेशकों का पता नहीं है, गलत और आधारहीन होने के कारण एक गैर-जि़म्मेदाराना बयान है। वैसे भी, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सेबी जहां भी निवेशक खोजने में असमर्थ हो, उसे सहारा का सहयोग लेना होगा। यह ज्ञात नहीं है कि सेबी इस निर्देश का पालन क्यों नहीं कर रहा है और क्यों यह सहारा से केवल पैसे की उगाही में ही रळचि रख रहा है। जबकि यह पिछले 15 महीनों में सहारा द्वारा सेबी के पास निवेशकों को वापसी के लिए जमा करवाए गए रळपए 5120 करोड़ में से मात्र रळपए एक करोड़ भी निवेशकों को अब तक वापस नहीं कर पाया है। सेबी के इरादे गलत हैं व द्वेष से लबालब भरे हैं। अपने इस भंयकर इरादे को पाने के लिए सेबी सहारा का नाम यह कह कर बदनाम कर रहा है कि कोर्इ निवेशक हैं ही नहीं। जबकि 4 मार्च 2014 को सेबी के वकील ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष यह स्वीकार किया था कि उन्होंने सहारा द्वारा दिए गए 3.03 करोड़ निवेशकों के दस्तावेज़ों की स्कैनिंग व डिजिटाइजे़शन का काम ही अभी पूरा किया है। अत: सत्यापन की प्रक्रिया का प्रारंभ अभी तक हुआ ही नहीं है।
सहारा ने अपने सभी निवेशकों का पूरा ब्यौरा दे दिया है, समेत उनके जिन्हें सहाराज़ ने रकम अदायगी कर दी है। सहारा द्वारा सेबी को दिए गए रळपए 5120 करोड़ केवल और केवल उसके निवेशकों को वापस करने के लिए हैं, न कि किसी भी पार्टी द्वारा किसी भी तरह के इधर-उधर के खर्च के लिए। संसद के सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री श्री नमो नारायण मीना ने यह स्पष्ट बयान दिया है कि सहाराज़ द्वारा दिया गया धन केवल सहारा के निवेशकों को वापसी के लिए है, और इस धन का कोर्इ अन्य उपयोग नहीं किया जाएगा।
सेबी को प्राप्त धन केवल निवेशकों को वापस के लिए उपयोग में लाया जाएगा और अब तक सेबी केवल रळपए एक करोड़ ही वापस कर पाया है। निवेशकों का धन हड़पने की यह सेबी की एक डरावनी कोशिश है। अब तक, सहाराज़ के मामले में सेबी ने निवेशकों के हितों की रक्षा का कोर्इ इरादा नहीं दिखाया है, जिस कार्य के लिए सेबी का गठन किया गया है। सेबी निवेशकों का धन हड़पने की सोच भी कैसे सकता है?
हम सेबी को इसे एक और ‘गोल्डन फारेस्ट मामले में तब्दील नहीं करने देंगे, जहां निवेशकों को आज तक उनकी मेहनत की कमार्इ वापस नहीं मिली है। हम अपनी जगह मजबूती से बने रहेंगे और सम्मानित निवेशकों के हित में अंत तक लड़ते रहेंगे।
हमारा आपसे निवेदन है कि हमारी आपतित को आप समकक्ष प्रमुखता और पूर्णता से सामने लाएं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in