भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि देशभर में चल रही नरेन्द्र मोदी की लहर से प्रदेश में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी में निराशा है। राज्य में लोकसभा की सत्तर सीटे जीतने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी ने अपनी जीत को घटाते हुए पहले साठ, फिर पचास सीटों पर विजयी होने की बात कही अब वहीं सपा नेता चालीस सीटे पार्टी को मिलने की बात कर रहे है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा सपा नेताओं के बयानों में जीती जाने वाली सीटों की घटती सख्या बताने के लिए काफी है कि किस तरह राज्य में सपा का ग्राफ गिर रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी की लहर को नकारते सपार्इयों का बिना मोदी का नाम लिये कोर्इ कार्यक्रम सफल नही हो रहा हैं। होली के त्योहार पर सपा प्रमुख का यह कहना कि मोदी को हम ही रोक सकते है, उनकी घबराहट को साबित करता है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सत्तारूढ़ दल की घबराहट का परिणाम है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आज आजमगढ़ से भी चुनाव लड़ने का फैसला किया। निरंतर अखिलेश सरकार की कारगुजारियों से परेशान मुलायम सिंह यादव को अपना किला गिरने का खौफ है। उन्होंने दावा किया कि पुर्वांचल की वाराणसी सीट से नरेन्द्र भार्इ मोदी के प्रत्याशिता की मोहर लगते ही विपक्षी खेमे मे घबराहट है। लेकिन नरेन्द्र मोदी की लहर को रोकने के लिए आखिर सपा प्रमुख कहां-कहां से चुनाव लड़ अपना गढ़ बचायेगे और कौन-कौन सी सीटे खाली करेंगे अपने परिजनों के लिए। परिवारवाद का विरोध कर राजनीति में आये समाजवादी अपने परिजनों के लिए जमीन तैयार करते रहे। पहले जसवन्त नगर, फिर बदायूँ, फिर कन्नौज, फिरोजाबाद उदाहरण है।
उन्होने कहा भाजपा ही एक अकेला दल है जो सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ रहा है बाकि लोग या तो बैलेन्स आफ पावर, या सत्ता की चाभी अपने हाथ में रखने की सार्वजनिक घोषणा कर चुनाव मैदान में है। अब जनता यह सवाल पूछ रही है कि चाहे बैलेन्स आफ पावर की भूमिका में आने में लगी बसपा हो या फिर सत्ता की चाभी अपने हाथ में रखने में जुटी सपा हो इन सबने 2004 और 2009 के चुनाव में क्या किया? जनता ने मत और सर्मथन दिया किन्तु एक दूसरे के खिलाफ मैदान में चुनावी ताल ठोकते ये दल अन्तोगत्वा गये तो कांंगे्रस के पाले में ही। फिर इस बार कांगे्रस की तीखी आलोचना कर एक दूसरे पर वार करते यह दल दिल्ली में फिर एक नही होंगे इसकी क्या गांरटी है। वास्तविकता यह है कि उत्तर प्रदेश मे नूरा कुश्ती कर रहे सपा-बसपा और कांगे्रस एक है। उत्तर प्रदेश में अलग-अलग चुनाव लड़कर इन तीनों दलों के लोग लोकसभा में एक पाले में ही बैठते है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा प्रदेश की जनता इन तीनों दलों की तिकड़ी के सच को जान चुकी है। जनता ने लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र भार्इ मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनाने का मन बना लिया है। देश प्रदेश की जनता स्थायी सक्षम व देश को सुशासन व विकास के पथ पर ले जाने के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में भाजपा की सरकार चाहती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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