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नन्हें छात्रों ने गाये एकता के गीत

Posted on 19 March 2014 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स का भव्य आयोजन आज सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आडिटोरियम में बड़े ही उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री राजन शुक्ला, आर्इ.ए.एस., प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर, डास्प, उत्तर प्रदेश ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विधालय के छात्रों ने र्इश्वरीय एकता व आध्यातिमक चेतना से परिपूर्ण रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया तथापि अभिभावकों ने भी जोरदार तालियां बजाकर छात्रों की खूब हौसला अफजार्इ की। इस अवसर पर छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिंतन, विश्व की सेवा के लिए तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने सारगर्भित विचार प्रकट किये एवं ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स के माध्यम से विधालय के छात्रों ने स्कूली प्रक्रिया में अभिभावकों को साझीदार बनाने के सी.एम.एस. के प्रयास को सफल बना दिया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में एवं वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपने उदबोधन में मुख्य अतिथि श्री राजन शुक्ला, आर्इ.ए.एस., प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर, डास्प, उत्तर प्रदेश ने शिक्षकों का आहवान किया कि वे छात्रों में सकारात्मक सोच विकसित करें। यही सकारात्मक सोच उन्हें विपरीत परिसिथतियों से जूझने का बल प्रदान करती है और और वे भविष्य में सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचते हैंं। श्री शुक्ला ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मजबूत इच्छा शकित हमारा सर्वाधिक सहायक गुण तथा सबसे बड़ा मित्र है जिसकी मदद से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इतिहास इस बात का गवाह है कि बहुत से कठिन एवं बड़े लक्ष्यों को पर्याप्त साधनों के अभाव में भी केवल मजबूत इच्छा शकित के द्वारा ही प्राप्त किया गया है। इस अवसर पर छात्रों एवं अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि बालक को यह बात बचपन से ही बतायी जानी चाहिए कि ‘धरती हमारी माँ है तथा परमात्मा हमारा पिता है। इस नाते से सम्पूर्ण पृथ्वी एक देश तथा समस्त मानवजाति इसके नागरिक है। हमारे जीवन का परम लक्ष्य सम्पूर्ण जगत के परिजनों की सेवा होना चाहिए। आज विधालय, समाज व परिवार पर यह महती जिम्मेवारी है कि तीनों मिलकर बालक को समाज का प्रकाश बनाएं जिससे वह अपनी रोशनी से समाज को प्रकाशित कर सके।
इस अवसर पर बोलते हुए सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति कश्यप ने कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास कर ‘टोटल क्वालिटी पर्सन बनाने को दृढ़-संकलिपत है तथा इसी उददेश्य को लेकर यह आध्यातिमक शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि आजकल स्कूलों द्वारा दी जा रही उददेश्यविहीन शिक्षा ने समाज में अनेक समस्याओं को जन्म दिया है। अत: एक खुशहाल समाज के नव निर्माण हेतु स्कूलों द्वारा बालकों को भौतिक, सामाजिक तथा आध्यातिमक तीनों प्रकार की संतुलित या उददेश्यपूर्ण शिक्षा देनी चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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