भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अखिलेश राज में इंसाफ न्यायालयों के भरोसे ही सम्भव हो पा रहा है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कानपुर विधायक डाक्टर विवाद की घटना पर मा0 उच्च न्यायलाय द्वारा दिये गये फैसले का स्वागत करते हुए डाक्टरो से अपील की कि जनहित में हड़ताल का रास्ता छोड़ वापस काम पर लौटे।
पार्टी प्रदेश प्रवक्ता श्री पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार संवेदहीन है। संवेदनहीनता को पार करते हुए कर्इ बार इस तरह की परिसिथतियां उत्पन्न हुर्इ है जब महत्वपूर्ण मामलों पर सरकार ने चुप्पी साधी। प्रदेश के चाहे राज्य कर्मचारियों की हड़ताल का समय रहा हो, चाहे प्रदेश के भष्ट्र अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही। न्यायालय का हस्तक्षेप नहीं होता तो सरकार जागती ही नही । उन्होंने कहा कि आखिर कानपुर में हुए विवाद में केवल डाक्टर ही सरकार की नजर में दोषी क्यों। आन्दोलन के व्यापक हो जाने के बाजूद सरकार - केवल डाक्टरों पर कार्यवाही क्यो चाहती। क्यो सरकार का पक्ष रखते हुए सरकारी अधिवक्ता ने केवल डाक्टरों कार्यवाही की मांग की। क्या पूरे घटना क्रम की जांच नही होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दरसल आखिलेश सरकार सत्तामद के निरंकुश हो सच को न देखना चाहती है, न सुनना चाहती। इसी अनदेखी में वह अपने पार्टी के मुखिया की भी नसीहतो को न समझने पर उतारू है। खुद मुलायम सिंह यादव ने कहा कि गुडागर्दी में जिसका हाथ होगा उसे पार्टी से निकाल दूंगा। किन्तु कथन जबानी बन कर रह गया है। नतीजन राज्य में जारी प्रशासनिक अराजकता चमोरत्कर्ष पर है। जिन मसलों को न्यायालय संज्ञान मे ले रहा हैं उन मामलों को सरकार में बैठे लोग क्यों नहीं संज्ञान में लेना चाहते। आखिर हड़ताल की वजह से जो मासूम और निरीह लोग काल के ग्रास बने उनका दोषी कौन? श्री पाठक ने कहा कि चापलूसों के भरोसे चल रही अखिलेश सरकार में फैसले भी उसी चाटुकारीता के आधार पर लिए जा रहे है। इसीलिए जब प्रदेश की जनता अपनी समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यानाकृष्ट कराती है तो उसे अखिलेश की जांबाज पुलिस की लाठी मिलती है, पर जब यही पुलिस माफिया के सामने पड़ी है तो दीन हीन चाकरी करती है, उनसे पिटती है। आकाओं के पैर छुती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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