उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री बी0एल0 जोशी ने फूलों के मौसम में राजभवन के गार्डेन को आम लोगों, विशेषकर छात्र-छात्राओं के लिये 05 मार्च से 12 मार्च, 2014 तक प्रतिदिन अपरान्ह 3.00 बजे से सांय 5.00 बजे खोले जाने के निर्देश दिये हैं। दर्शक या आगन्तुक जानकारी हेतु दूरभाष संख्या 0522-2620494-95, म्गजण् 201 पर सम्पर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही दर्शकों से अनुरोध किया गया है कि राजभवन गार्डेन के भ्रमण के समय अपना फोटो युक्त पहचान पत्र अवश्य साथ लायें, क्योंकि सुरक्षा की दृषिट से ऐसा करना आवश्यक है।
राजभवन भ्रमण के समय आम जनता को राजभवन के इतिहास के साथ ही धन्वन्तरि वाटिका राजभवन द्वारा प्रकाशित ”आयुर्वेद और स्वास्थ्य, ”आयुर्वेद अमृतानाम एवं ”शतायु की ओर पत्रकों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
राजभवन जो पूर्व में कोठी हयात बख़्श के नाम से जाना जाता था, का निर्माण नवाब सआदत अली खान के कार्यकाल में हुआ था। यह भवन लगभग 200 वर्ष पुराना है। मेजर जनरल क्लाड मार्टिन ने इस भवन का पुनर्निर्माण कराया था तथा इसको अपना आवास बनाया। आजादी के पहले भी यह भवन अवध प्रान्त के उप-राज्यपालराज्यपाल का सरकारी आवास था। स्वतन्त्रता के पश्चात यह भवन राजभवन के नाम से जाना जाता है और यह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का सरकारी आवास है।
राजभवन के मुख्य प्रांगण में सफेद संगमरमर की एक बारादरी निर्मित है तथा भवन के सामने लान में उत्तर प्रदेश सरकार की सील के आकार का एक सुन्दर फव्वारा भी सिथत है। यहाँ एक कैक्टस हाउस है तथा विभिन्न प्रकार के दुर्लभ औषधीय पौधों की एक वाटिका है, जिसे धन्वन्तरि वाटिका कहते हैं। गाँधी सभागार के पीछे विभिन्न रंगों एवं प्रजातियों के गुलाब की सुन्दर वाटिका है जो गुलाब वाटिका कहलाती है। राजभवन में रूद्राक्ष, कल्पवृक्ष, सीता अशोक, सिन्दूर, कृष्ण वट तथा चन्दन के दुर्लभ वृक्ष भी लगे हैं। राजभवन के कुछ चिनिहत स्थलों पर संगमरमर की खूबसूरत मूर्तियाँ भी स्थापित हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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