समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि इलाहाबाद में समाजवादी पार्टी की ‘देश बचाओं, देश् बनाओं’ महारैली में जुटी लाखों की भीड़ के मुकाबले लखनऊ में आज भाजपा की निराशजनक रैली से प्रधानमंत्री पद के दावेदार श्री नरेन्द्र मोदी का सपना और अहंकार दोनों टूट गया होगा। उन्हें यह भी पता चल गया होगा कि पैसा और पसीना की राजनीति में बहुत अन्तर होता है। हजारों बसों, दर्जनों ट्रेनों, निजी कारों-बाइकों के काफिलों और चाय-काफी के स्टालों के साथ बैलगाड़ी परेड में कर्इ करोड़ खर्च के बाद भी लखनऊ का रमाबार्इ मैदान सूना पड़ा रहा जबकि अपने साधनों से, पैदल, साइकिलों और ट्रैक्टरों पर आए उत्साही समाजवादियों के रेला से आज इलाहाबाद में हर तरफ अभूतपूर्व लाल लहर दिखार्इ दी।
सच तो यह है कि आज श्री मोदी नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के प्रभा मण्डल से बुरी तरह आतंकित दिखार्इ दिए। उनका भाष्ण नेता जी पर ही केनिद्रत रहा। नेताजी ने आज इलाहाबाद की रैली में मोदी के झूठ को बेनकाब कर दिया। उन्होंने जो मुददे उठाए उनका जबाव देने से मोदी कतरा गए और अपने पुराने झूठ दुहराते रहे। खाली मैदान में केसरिया समंदर दिखार्इ देना उनमें पनपे दृषिदोष् का प्रमाण है। हताशा में वे यह दुहराते रहे कि वे (इस फलाप रैली के कारण) निराशावादी नहीं है आशावादी हैं, कि जनता चोर को चौकीदार मान लेगी।
श्री मोदी ने आज समाजवादी पार्टी को डा0 राममनोहर लोहिया की याद दिलार्इ लेकिन लखनऊ में अटल जी को याद करते हुये वे उनकी खुद को राजधर्म की दी गर्इ सीख को भूल गए। उन्हें गुजरात में आजादी के बाद हुए सबसे जघन्य नरसंहार में अपनी भूमिका पर शर्म नहीं आती है। नेता जी ने मोदी की सुरक्षा न देने की धमकियों के बावजूद अहमदाबाद में गुजरात दंगे की पीडि़त मुसिलम महिलाओं और मुसिलम इलाकों में जाकर वहा के लोगों से मिलकर उनका दर्द बाटा था। यह उनके 54 इंच सीने का ही दम और साहस था। श्री मुलायम सिंह यादव ही सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष करते रहे हैं और उनके रहते उ0प्र0 में साम्प्रदायिक ताकतों को सिर उठाने का मौका नहीं मिलने वाला है। सेक्यूलरिज्म भले मोदी के लिए मजाक का विषय हो, समाजवादियों के लिए वह प्रतिबद्धता का विषय है।
श्री मोदी प्रचारतंत्र के भरोसे झूठ की खेती कर रहे हैं। कांगे्रस और भाजपा दोनाें इस मामले में एक हैं। कहा जाता है कि कांगे्रस में 90 प्रतिशत मोदी समर्थक हैं। मोदी के पास सिर्फ गुजरात की झूूठी कहानिया हैं और कांगे्रस अध्यक्ष को सिर्फ रायबरेली की चिन्ता है जबकि नेताजी ने ठीक ही कहा है कि समाजवादी पार्टी और सरकार को पूरे प्रदेश की चिन्ता है। दो साल की अल्पअवधि में ही मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने अधिकांश चुनावी वायदे पूरे कर दिये हैं। इलाहाबाद की रैली की अभूतपूर्व सफलता से जाहिर है कि अब लोकसभा चुनाव में कांगे्रस-भाजपा की दाल नहीं गलेगी। जनता समाजवादी पार्टी को ही विजयी बनाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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