भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पासपोर्ट सेवा केन्द्र की सकि्रयता के चलते भविष्य में नागरिकों के लिये पासपोर्ट बनवाना सरल हो जायेगा। आज प्रदेश भर के नागरिकों को एलआर्इयू, पुलिस और तहसील स्तर की जांच के अतिरिक्त आवेदन के साथ संलग्न प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रकि्रया के कारण पासपोर्ट आवेदन करने के छ: माह पश्चात बडी मशक्कत के बाद प्राप्त हो रहा है जिसकारण नागरिकों को अनावश्यक रूप से कठिनार्इ का सामना करना पड रहा है। पिछले चार सालों से लखनऊ क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी एवं गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट के कार्यालयों के दर्जनो चक्कर काटने के बाद भी हज पर जाने वाले हाजियों को समय पर पासपोर्ट न मिलने के कारण प्रदेश के सैेंकडों लोग हज न कर पाने से वंचित रह गये थे। इसी प्रकार लेबर या अन्य कार्यों के लिये विदेश जाने वाले भारतीय नागरिक पासपोर्ट समय पर जारी न होने के कारण विदेश नही जा पाते जिस कारण उनके परिवार को हर तरह से जबरदस्त आर्थिक हानि उठानी पडती है। पशिचम उत्तर प्रदेश व मध्य उत्तर प्रदेश के अधिकतर नागरिक लेबरवाहन चालकपेन्टरफीटरशिक्षा तथा टैकिनकल स्टाफ के रूप में खाडी के देशों में नौकरी के लिये जाना पसन्द करते हैं। हर माह खाडी के देशों से उक्त कार्यों में संलिप्त ठेकेदार एडवांस वीजा लेकर देश में आते हैं तथा उपरोक्त लेबर से या आवेदकों से साक्षात्कार के पश्चात पासपोर्ट तलब करते हैं। आवेदकसाक्षात्कार देने वाले नागरिक पासपोर्ट जल्दी बनवाने की शर्त पर इन्टरव्यू पास कर लेते हैं तथा ठेकेदारों को एडवांस भी अदा कर देते हैं। परन्तु जब वह पासपोर्ट के लिये आवेदन करते हैं तथा समस्त वांछित प्रमाणपत्र आवेदन के साथ क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत करते हैं तो प्रमाण पत्रों की जांच के उपरान्त उनकी एलआर्इयू जांच तथा पुलिस जांच करार्इ जाती है। स्थानीय स्तर पर जहां का आवेदक निवासी होता है जांच वहीं भेजी जाती है। दो दो जांचों से निकलकर आवेदक एक माह बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से सम्पर्क करता है तो मालूम होता है कि जांच अभी प्राप्त नही हुर्इ है। भारत सरकार ने इसी कठिनार्इ को मददेनजर रखते हुए ड्रीम प्रोजेक्ट पासपोर्ट सेवा योजना शुरू करके आवेदकों को लाभ पहुंचाने का जो कार्य किया है उससे आवेदकों को पासपोर्ट बनवाना अब आसान हो जायेगा। इस स्कीम के तहत अब पासपोर्ट कार्यालयों को रिपोर्ट आनलाइन पुलिस प्रशासन द्वारा प्राप्त हुआ करेगी। इन हालात में जो लम्बा समय डाक द्वारा जांच रिपोर्ट आने में लगता है वह बच जायेगा तथा तहसील स्तर से एमरजेन्सी पासपोर्टतत्काल पासपोर्ट बनवाने हेतु जो पत्ररिपोर्ट एसडीएमपुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा क्षेत्रीय पासपोर्ट विभाग को डाक से भेजी जाती है तथा बाद में इसका सत्यापन भी होता है इस योजना के तहत वें काम भी अब आन लार्इन हो जायेगा जिस कारण पासपोर्ट आवेदकों को पासपोर्ट मिलना सरल होगा।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को पुलिस अधीक्षकों के कार्यालयो से जोडने का कार्य शुरू हो चुका है फिलहाल लखनऊ हैडक्वार्टर से पांच पुलिस अधीक्षकों के कार्यालयों को आनलार्इन कर दिया गया है कुल 54 जनपदों को आनलाइन किया जाना है जिसके ऊपर कार्य तेजी के साथ शुरू कर दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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