मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा उत्तर प्रदेश में नर्इ परमाणु बिजली परियोजना की स्थापना हेतु की गर्इ पहल पर भारत सरकार के स्तर से कार्यवाही गतिमान हो गर्इ है। देश में परमाणु बिजली का उत्पादन बढ़ाने में उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग की केन्æ सरकार ने भरपूर सराहना करते हुए विशेषज्ञ स्तर की चर्चा प्रारम्भ करने के लिए राज्य सरकार से नोडल अधिकारी नामित करने का अनुरोध किया है। यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने राज्य में परमाणु विधुत संयंत्र की स्थापना करने के लिए प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से पत्र द्वारा अनुरोध किया था। वर्तमान परिदृश्य में कोयले की कठिन उपलब्धता तथा राज्य में जल विधुत परियोजनाओं की सम्भावना न होने का उल्लेख करते हुए अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को विकल्प बताया था। इसके क्रम में श्री यादव ने प्रदेश में एक 5000 से 6000 मेगावाट क्षमता की परमाणु बिजली परियोजना स्थापित करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने घाघरा के समीप एक नर्इ परमाणु बिजली परियोजना स्थापित करने के लिए घाघरा नदी से पर्याप्त जल की व्यवस्था तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में भूमि की व्यवस्था का आश्वासन भी राज्य सरकार की ओर से दिया। यह भी उल्लेख किया था कि इस क्षेत्र में अधिक विधुत परियोजनाएं स्थापित नहीं हुर्इ हैं। ऐसे में यहां परमाणु ऊर्जा संयंत्र से क्षेत्र का आर्थिक विकास हो सकता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री श्री वी0 नारायणसामी ने देश में परमाणु बिजली उत्पादन बढ़ाने में राज्य सरकार के सहयोग तथा आधिकारिक स्तर पर विचार-विमर्श शुरु करने के मुख्यमंत्री के सुझाव की भरपूर सराहना की है। इस सम्बन्ध में प्रेषित अपने उत्तर में उन्होंने परमाणु बिजली संयंत्र के लिए एक नए स्थान का चयन करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर व्यापक अध्ययन की आवश्यकता के बारे में अवगत कराया है। इसलिए उन्होंने विशेषज्ञ स्तर की चर्चा हेतु राज्य सरकार की ओर से नोडल अधिकारी का नाम व संपर्क विवरण परमाणु ऊर्जा विभाग और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम को उपलब्ध कराने के लिए कहा है। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नर्इ परमाणु विधुत परियोजना स्थापित करने की संभावनाओं पर राज्य सरकार के अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के लिए न्यूकिलयर पावर कारपोरेशन आफ इणिडया लि0 को निर्देशित करने हेतु भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था। अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया था कि इस सम्बन्ध में उन्होंने केन्æीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष से पूर्व में चर्चा की थी और केन्æीय योजना मंत्री ने इस प्रकार की परियोजना पर सैद्धानितक सहमति भी दी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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