भारतीय जनता पार्टी ने कहा मुजफ्फरनगर दंगो के बाद 12000 से अधिक दंगा पीडि़त अपने घरों को नही लौट सके यह अखिलेश सरकार की नाकामी का सबसे ज्वलंत उदाहरण है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा पहले दंगों में सरकार की भूमिका और अब राहत के नाम पर की जा रही बड़ी-बड़ी घोषणाओं के विपरीत सच यह है कि आज भी 12,681 दंगा पीडि़त मुजफ्फरनगर में अलग-अलग जगहों पर रह रहे है। दंगों को रोक पाने में नाकाम अखिलेश सरकार दंगों के बाद भी पीडि़तों को राहत पहुंचाने के नाम पर लगातार भ्रम फैलाकर अपने राजनैतिक एजेण्डे को पूरा करने में लगी है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान अखिलेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विस्थापितों को लेकर अखिलेश सरकार लगातार संवेदनहीन बनी हुर्इ है। मंचों से दंगों के बाद हुए राहत कार्यो पर डींगे मारते सपा नेता बड़े-बड़े दावे करते है पर सच्चार्इ यह है कि अपने ही जिले में आज भी 12,681 लोग विस्थापित हो अलग-अलग जगहों पर रहने को मजबूर है। सरकारी महकमा सरकार के लाख दावों के बावजूद इन्हें अपने घरों तक वापस नहीं लौटा पा रहा है।
उन्होंने कहा मुजफ्फरनगर में हुए साम्प्रदायिक दंगों में अखिलेश सरकार की भूमिका शुरू से ही संदेहास्पद रही। दंगों में अखिलेश सरकार के मंत्रियों-अधिकारियों और सपा नेताओं की भूमिका को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे। आखिर 63 मौतों का कोर्इ तो जिम्मेदार होगा। अपनी नाकामी का ठिकरा दूसरो पर फोड़ बचने की कवायद मे जुटे सपा नेता कभी शणार्थी शिवरों में रह रहे लोगों को षड़यंत्रकारी, कभी भाजपा कांगे्रस का ऐजेण्ट तो कभी भिखारी कह उनकी बेबसी का मजाक बनाते। सरकार ने अपने राजनैतिक ऐजेण्डे को साधने में भाजपा के विधायकों को आरोपी बना डाला। न्यायालय से विधायक रिहा हुए, एक ही तरह के आरोपों में भाजपा विधायकों को जेल और मौलाना नजीर को राज्य अतिथि बना विमान से लखनऊ बुला उन्हें शानित दूत के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गयी।
श्री पाठक ने कहा कि जाति और मजहब देख फैसले लेती अखिलेश सरकार की नीतियों की वजह से अपने ही जनपद में 6 माह से ऊपर व्यतीत हो जाने के बावजूद बारह हजार से ऊपर लोग अलग-अलग जगहों पर रह जीवन यापन करने में जुटे है। पेंशन से लेकर राहत राशि के वितरण का थोक में दावे करती सरकार आखिर वहां के आवाम को यह भरोसा क्यों नही दिला पर रही है कि सब कुछ ठीक है? उन्हें नागरिक मानते हुए उनके साथ न्याय होगा इसका भरोसा कौन दिलायेगा? आज भी फर्जी मुकदमों के कारण वहां के लोग पुलिसिया कार्यवाही से त्रस्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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