उ0प्र0 में चलायी जा रही मिडडे मील योजना में लगभग 4 लाख रसोइया मजदूर अपने आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक शोषण के विरूद्ध दिनांक 12.02.2014 लक्ष्मण मेला मैदान में अनिशिचत कालीन धरना कर रहे हैं। अधिकतर रसोइया मजदूर चूंकि अनपढ़ होते हैं इसलिए हेड मास्टर एवं ग्राम प्रधान एवं रसोइया मजदूरों का शोषण करती हैं रसोइया मजदूरों के सम्बन्ध में नियुकित, निष्कासन एवं मानदेय भुगतान के सम्बन्ध में सारे नियम, कानून, शासनादेश आदि मात्र खानापूर्ति बनकर रह गये हैं। यदि नियुकित अथवा निष्कासन कोर्इ भ्रष्टाचार होता है और उसकी शिकायतजांच होती है तो जांच होते-होते रसोइया का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। फलस्वरूप कोर्इ भी जांचकार्यवाही में रसोइया मजदूरों को न्याय नही मिल पा रहा है। इस प्रकार किसी भी ग्राम प्रधान अथवा हेड मास्टर के खिलाफ अन्तत: कोर्इ कार्यवाही नही हो पाती है और ग्राम प्रधान व हेड मास्टर निरंकुश होकर रसोइयाें का शोषण कर रहे हैं और सरकार आंखे बन्द करके सब कुछ देखते हुए भी चुप है।
रसोइया मजदूरों के शोषण से मुक्ती हेतु सर्वप्रथम आवश्यक है कि रसोइया मजदूरों का चयन प्रत्येक वर्ष बन्द किया जाए तथा नवीनीकरण की व्यवस्था की जाय। साथ ही साथ रसोइयों को चयन के पश्चात नियुकित पत्र प्रदान किया जाय एवं प्रतिदिन रसोइयों से उपसिथत रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाया जाय। साथ ही साथ यह भी आवश्यक है कि शासनादेश के अनुसार नियुकित रसोइयों का शारीरिक एवं दक्षता प्रशिक्षण भी करवाया जाय।
रसोइया मजदूरों को जबतक लिखित रूप से उनकी मांगो को नही माना जाएगा तबतक रसोइया मजदूर धरने से नहीं हटेंगे। रसोइया मजदूर आर-पार की लड़ार्इ लड़ते हुए अनिशिचत कालीन धरने पर बैठे हैं और जबतक शासन इनकी मांगो को नही मानेगा तबतक हम हटने वाले नही हैं। लक्ष्मण मेला मैदान नदी के किनारे सिथत है और रात में वहां की सिथति अत्यन्त खराब हो जाती है ऐसी सिथति में किसी भी महिला के साथ कोर्इ अप्रिय घटना घट जाय अथवा किसी महिला की कोर्इ तबियत खराब हो जाय तो इन सारी परिसिथतियों की जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।
हमारी मांगे निम्न हैं :-
1. शासनादेश के अनुसार रसोइयों का प्रशिक्षण करवाया जाय।
2. शासनादेश के अनुसार रसोइयों का मानदेय प्रत्येक माह के 10 तारीख तक भुगतान करवाया जाय।
3. शासनादेश के अनुसार रसोइयों को डे्रस (एप्रिम) दिलवाया जाय।
4. शासनादेश के अनुसार रसोइयों से प्रतिदिन उपसिथत रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाया जाय।
5. रसोइयों का मानदेय शासन द्वारा सीधे रसोइयों के खाते में भेजा जाय।
6. रसोइयों का प्रत्येक वर्ष चयन प्रकि्रया समाप्त कर अनुभव के आधार पर नवीनीकरण की व्यवस्था की जाय।
7. 65 वर्ष से अधिक उम्र के, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के चयन पर रोक लगायी जाय।
8. रसोइयों, मजदूरों के चयन में पाल्य व्यवस्था की शर्त समाप्त की जाय।
9. रसोइयों को बढ़ा हुआ मानदेय 1500- रू0 प्रतिमाह का भुगतान तत्काल प्रारम्भ किया जाय।
10. शासनादेश के अनुसार समस्त रसोइयों का नाम, सम्पूर्ण विवरण, मानदेय का भुगतान आदि को एम0डी0एम0 की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना अनिवार्य किया जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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