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जो लोग भगवान का भजन करते हुए संसार का कार्य करते है उन्हें कोर्इ परेशानी नही होती है: स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज

Posted on 08 February 2014 by admin

जीव आश्रय गौशाला कान्हा उपवन में चल रही  श्रीमद भागवत कथा का चौथा दिन
पार करेंगे नइया भज रे कृष्ण कन्हैया’ ‘प्रीत न लगार्इ रे बन्दे कृष्ण मुरार से, जनम गवाया तूने दुनिया के प्यार से’ जैसे भजनों से कथा स्थल गूंज रहा था। मौका था जीव आश्रय संस्था द्वारा जीव आश्रय गौशाला कान्हा उपवन नादरगंज (निकट अमौसी एयरपोर्ट) में चल रही श्रीमद भागवत कथा
के चौथे दिन कथा व्यास विश्व प्रसिद्ध जूनापीठ अखाड़े के आचार्य महामण्डेलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज ने कथा के संग भजनों की वर्षा कर श्रोता भक्तों को आनन्द विभोर कर दिया। कथा क्रम को आगे बढ़ाते हुए स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज ने कहा कि पहले लोग कर्म करते थे तो उसमें भगवान की कृपा मानते थे लेकिन आज जब कोर्इ कार्य होता है तो उसमें मै आ जाता है कि यह कार्य मैने किया है। इसी ‘मै’ के चलते भगवान भी उसकी मदद नही करते हैं जिससे अंत मे उसको पछताना पड़ता है और तब उसे भगवान याद आते हैं। महाराज जी ने कहा कि जो लोग भकित करते है उन्हें लोभ, मोह, राग, द्वेष का कोर्इ असर नही होता है और जो लोग भकित नही करते हैं उन्हें हीं परेशान करते है। जो लोग भगवान का भजन करते हुए संसार का कार्य करते है उन्हें कोर्इ परेशानी नही होती है। उन्होंने कहा कि संसार का प्रवाह बहुत तेज है जो भगवान को पकड़कर रहेगा वहीं बचेगा और जो नही पकड़ेगा वह बह जायेगा। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के चार पुरुषार्थ हैं धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। उन्होंने कहा कि धन कमाओ खूब लेकिन अधर्म की कमार्इ से नही। धर्म के साथ अर्थ की प्रापित हो। अपनी कामना पूर्ति के लिए अधर्म न करें। महाराज जी ने कहा कि भजन हमारी दैनिक दिन चर्या में होना चाहिएं। बिना काम के भगवान को याद करो यही भकित है। ज्ीवन में इतने लोभ व इतनी इछांए है जिसका कोर्इ अन्त नही है जीवन में इतनी कामना व वासना है जिसकी कोेर्इ सीमा नही है यह कथा जो हो रही है इसका केवल एक ही आशय होता है कि जीवन अभाव रहित हो जाए जीवन प्रकाश के प्रकाश से प्रज्वलित रहे इस दुनिया  में सिफ्र र्इश्वर ही पूर्ण है सम्पूर्णता का प्रतीक है पुत्रेपणा परिवार की वृद्वि विकास, वित्तेषणा  सम्पूर्णता, लोकेषणा लोक में आदर ये तीन वासनायें मनुष्य की सबसे बड़ी इच्छा है यही तीन वासनायें ही मनुष्य केा जीवन भर नचाती रहती है न जाने कितने पशोपेश मेंं मनुष्य को जकड़ देती है जिससे मनुष्य जीवन की सत्यता से दूर हो जाता है। मनुष्य को इस प्रक्रति की सुन्दरता का अनुभव करना चाहिए उसे चांद तारे, सूरज, वायु, अगिन, आकाश को अनुभव करना चाहिए। ये प्रक्रति ही उनके विकास का सबसे बड़ा श्रोत है सारे भय दूर हो जाते है यह प्रक्रति ही भगवान का रूप है।

हे नाथ अब तो ऐसी दया हो ।
जीवन निर्थक जाने न पायें।।
मै आपको चांहू और चाहूं।
समय का कुछ भय रह न जाऐं।।
हे नाथ अब तो ऐसी दया हो।
जीवन निर्थक जाने न पायें।।

भक्त उसे कहते है जिसे भय नही होता  है जिसे भय होता है वह भक्त नही होता मनुष्य तभी डरता है जब उसका उसके इष्ट से दूरी हो जाती है हे मनुष्य एक बार भगवान से प्रीत लगाकर देखो सारे प्रकाश का श्रोत प्राप्त हो जाएगा। भगवान एक थाल में दो फूल सजाने से नही मिलते भगवान तो आपके विश्वास में है। जहां आस्था है वहां रास्ता है।
ज्ञान का अर्थ है जानना, भकित का अर्थ है मानना, भकित स्वतन्त्र है मन की उत्कृष्ठ अवस्था, ग्लानी ही भकित है भकित का अर्थ है दूसरों का सहयोग करना उसे अनुकूलता देना, उसको खुशी देना ये भकित ही है ।जिसने अपने मन के  विकारों को ठीक कर लिया वह भकित को प्राप्त कर लेता है। भकित ही र्इश्वर का दूसरा नाम है परोपकार ही पुन्य की परिभाषा है गौ माता विश्व में पवित्रता का प्रतीक है गौ माता आपको सीधे र्इश्वर के दर्शन कराती है गाय की हमेशा सेवा करनी चाहिए। जीवआश्रय संस्था द्वारा आयोजित यह भागवत कथा अत्यन्त प्रशंसनीय कार्य है इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है।
भागवत कथा में मुख्य रूप से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, विधायक कलराज मिश्रा, जसिटस हार्इकोट एस0एस0 चौहांनर् ,सरदार चरण जीत सिंह, पूर्व उप सभापति राजेश जयसवाल सहित अन्य गणमान लोग उपसिथत रहे व सैकड़ो लोगो ने भगवत कथा सुनी।
श्रीमद भागवत कथा श्रवण मात्र से भक्त के हदय में ऐसी भावनायें समाहित हो जाती हैं जिससे  वह मन, वाणी और कर्म से प्रभु में लीन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म जगत में जितने भी योग, यज्ञ, तप, अनुष्ठान आदि किये जाते हैं उन सबका एक ही लक्ष्य होता है कि हमारी भकित भगवान में लगी रहे। कथा से पूर्व पूजन का कार्यक्रम हुआ। बाद में संस्था के एसपीसीए अमित सहगल, सचिव यतेन्द्र न्निवेदी समेत अन्य लोगों ने स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज का स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा सुनने के लिए दूर दूर से हजारों की संख्या में श्रोता उपथित हुये।
संस्था के एसपीसीए अमित सहगल, सचिव यतेन्द्र न्निवेदी ने बताया कि 10 फरवरी तक चलने वाली कथा में श्रीराम-कृष्ण जन्मोत्सव, श्रीकृष्ण बाललीला वर्णन सहित अनेक प्रसंग प्रस्तुत किये जायेंगे। सचिव कान्हा उपवन यतेन्द्र न्निवेदी ने बताया कि भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम 5:30 बजे तक होगी।
साथ ही सचिव यतेन्द्र न्निवेदी ने बताया कि कथा श्रवण करने के लिए नि:शुल्क बस की व्यवस्था की गर्इ है। इसी क्रम में पहली बस मुंशीपुलिया शहीद पथ होते हुए कथा स्थल दूसरी बस चौक दुबग्गा होते हुए कथा स्थल  तीसरी बस संगम चौराहा अलीगंज हजरतगंज चारबाग होते हुए कथा स्थल चौथी बस रायबरेली रोड तेलीबाग साउथ सिटी होते हुए कथा स्थल तक चल रही हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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