प्रदेश के पिछड़ें वर्गों क सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन की सिथति को स्पष्ट करने, संख्या के आधार पर शासन एवं प्रशासन में इनकी भागीदारी सुनिशिचत करने तथा इनकों विकास की मुख्य धारा से जोड़ने एवं इनके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए पिछड़ा वर्ग शोध संस्थान बनाना जाना आवश्यक है। जिसकी संस्तुति के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र जारी करनेे के निर्देश उ0प्र0राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने दिये।
श्री विश्वकर्मा ने आज यहां इनिदरा भवन सिथत सभाकक्ष में आयोग के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष श्री दीप सिंह पाल एवं श्री राजनारायण बिन्द उपसिथत थे। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के गरीब एवं प्रतिभावान छात्रों को उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण कराने के लिए मण्डल स्तर पर नि:शुल्क कोचिंग तथा छात्रों के रहने के लिए नि:शुल्क आवासीय सुविधा के लिए छात्रावास के निर्माण की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे इस वर्ग के छात्रों के प्रदर्शन में और सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की योजनाओं के सही संचालन हेतु पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा को पूरा करने के लिए बैकलाग पदों का विशेष भर्ती अभियान चलाकर इनको समय से पूरा करे
श्री विश्वकर्मा ने प्रमुख सचिव नियुकित एवं कार्मिक को निर्देश दिये कि सरकारी नौकरियों में विभागों द्वारा जारी विज्ञापन में सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जातिजनजाति वर्ग लिखा जाता है। जिससे सामान्य शब्द से भ्रम की सिथति पैदा हो जाती है। अत: ऐसे विज्ञापन में सामान्य के स्थान पर अनारक्षित लिखा जाय तथा अनारक्षित एवं आरक्षित का कालम बनाया जाय। अन्य पिछड़े वर्ग के कार्मिकों का क, ख, ग एवं घ श्रेणी में नियुकित संबंधी आंकड़ों को उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख सचिव नियुकित एवं कार्मिक को आयोग के निर्देश।
, बैठक में आयोग के सदस्य श्री बृजराज सैनी, श्रीमती विधा यादव, श्री रामप्रसाद सविता, श्री जवाहर लाल साहू, श्री रिछपाल सिंह चौधरी, श्रीमती कंचन कन्नौजिया, श्रीमती निर्मला यादव, श्री अजय कुमार सिंह उर्फ श्री राकेश सिंह सैंथवार, श्री प्रसिद्धि नारायण सिंह, श्री कमलेश कुमार यादव, श्री राम प्रताप यादव, श्री महेन्द्र सिंह पाल, सचिव श्री अनिल कुमार के साथ-साथ आयोग के अन्य उच्च अधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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